राम मंदिर के चीफ आर्किटेक्ट (मुख्य वास्तुकार) चंद्रकांत सोमपुरा ने गुरुवार को कहा कि अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की निर्माण योजना 32 साल पहले शुरू हुई थी. अहमदाबाद स्थित अपने आवास पर एक समाचार एजेंसी से बातचीत में अयोध्या में मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया को याद करते हुए, सोमपुरा ने कहा, '32 साल पहले, अशोक सिंघल मुझे अपने साथ अयोध्या ले गए और मुझसे राम मंदिर के निर्माण के लिए एक योजना तैयार करने के लिए कहा था. उस समय वहां एक ढांचा था और हमें माप लेने की भी इजाजत नहीं थी. हमने अपने पैरों से क्षेत्र को मापा और उस स्थान के क्षेत्रफल का अनुमान लगाया.'
राम मंदिर में इस्तेमाल की गई वास्तुकला पर चंद्रकांत सोमपुरा ने कहा, 'प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 को होगी. यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण होगा. 35 वर्षों का संघर्ष के बाद मूर्तियों की स्थापना संभव होगी. राम मंदिर के निर्माण में उत्तर और मध्य भारत की नागर शैली वास्तुकला का उपयोग किया गया है. मंदिर में 5 मंडप हैं. मुख्य गर्भ गृह 20 गुणा 20 फीट का अष्टकोणीय आकार में है, जो भगवान विष्णु के 8 रूपों का प्रतीक है. नागर शैली के साथ, भगवान विष्णु के 8 रूपों का भी वास्तुकला में उपयोग किया गया है.'
चंद्रकांत सोमपुरा के पिता ने तैयार की था सोमनाथ मंदिर की डिजाइन
गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर के रि-कंस्ट्रक्शन का डिजाइन चंद्रकांत सोमपुरा के पिता प्रभाशंकर सोमपुरा ने तैयार की थी. प्रभाशंकर सोमपुरा को सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था. उन्होंने शिल्प-शास्त्र पर 14 किताबें भी लिखी हैं. नागर शैली में मंदिरों के डिजाइन बनाने में माहिर इस परिवार को वास्तुकला का यह गुण पीढ़ी दर पीढ़ी मिलता आया है. चंद्रकात अब 80 वर्ष के हैं. अब उनके बेटे निखिल (55) और आशीष (49) परिवार से विरासत में मिली वास्तुकला की स्किल को आगे बढ़ा रहे हैं.
22 जनवरी 2024 को मंदिर के गर्भ गृह में होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
राम मंदिर निर्माण समिति के मुताबिक अगले साल 22 जनवरी को जब प्राण प्रतिष्ठा होगी तो अयोध्या में भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने लोगों से अपने घरों और गांवों से (टेलीविजन प्रसारण के माध्यम से) इस आयोजन को देखने का आग्रह किया है. ट्रस्ट की ओर से पीएम मोदी को प्रतिष्ठा समारोह के लिए औपचारिक निमंत्रण भेजा गया था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया था. लंबे इंतजार के बाद 22 जनवरी 2024 को राम लला की मूर्ति को मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित कर दिया जाएगा.