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अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले काशी में तमिल संगमम, लकड़ी से बने राम दरबार मॉडल की मांग

वाराणसी के नमो घाट पर तमिल संगमम का आयोजन किया गया है. बड़ी संख्या में पर्यटक सहित स्थानीय नागरिक नमोघाट पहुंच रहे हैं. तमिल संगमम में लगे दक्षिण भारत और उत्तर भारत के हस्तशिल्प से बने उत्पाद यहां आने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर हैं.

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तमिल संगमम
तमिल संगमम

अयोध्या में अगले साल 22 जनवरी को होने जा रही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं. पूरे देश में इस आयोजन को लेकर उत्सव का माहौल है. ऐसे में वाराणसी में आयोजित काशी तमिल संगमम-2 में काष्ठ कला से बने राम दरबार मॉडल की मांग बढ़ी है.

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वाराणसी के नमो घाट पर तमिल संगमम का आयोजन किया गया है. बड़ी संख्या में पर्यटक सहित स्थानीय नागरिक नमोघाट पहुंच रहे हैं. तमिल संगमम में लगे दक्षिण भारत और उत्तर भारत के हस्तशिल्प से बने उत्पाद यहां आने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर हैं. इन उत्पादों के बीच वाराणसी के काष्ठ कला से बनी राम दरबार की मूर्ति सहित विभिन्न प्रकार की मूर्तियां पर्यटकों को अपनी ओर लुभा रही हैं. 

इस बीच एक पर्यटक सुनीता बताती हैं कि ये सारी चीज मुझे बहुत पसंद आई हैं. घर में सजाने से लेकर पूजा करने के लिए ये बेहतरीन हैं.

इस बीच हस्तशिल्पकार ओम प्रकाश शर्मा बताते हैं कि काष्ठ कला हमारे यहां की काफी पुरानी कला है, जो लुप्त हो गईं थी लेकिन काशी तमिल संगमम की वजह से हमारे कला का प्रचार प्रसार हो रहा है. लोग इसे पसंद कर रहे हैं, जब से राम मंदिर का शिलान्यास हुआ है. उस पर आधारित लीलाओं के बहुत ऑर्डर मिल रहे हैं. राम से जुड़ी विभिन्न चीजों के ऑर्डर लगातार मिल रहे है, ऑर्डर के हिसाब से हम माल भी तैयार नही कर पा रहे हैं.

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