10 अक्टूबर को लोकसभा की विशेषाधिकार समिति की पहली बैठक में लोकसभा सदस्य रमेश बिधूड़ी और बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली के विवाद पर सांसदों की शिकायतें सुनी जाएंगी. समिति सदन में दानिश अली के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के बाद बिधूड़ी के खिलाफ मिली शिकायतों पर सुनवाई करेगी. इसमें कथित अनुचित आचरण को लेकर दानिश अली को लेकर भी सुनवाई होगी.
विपक्षी दल पिछले महीने लोकसभा में चंद्रयान -3 की सफलता पर चर्चा के दौरान बिधूड़ी की 'नीच और सांप्रदायिक' टिप्पणियों के लिए उन्हें निलंबित करने सहित सख्त कार्रवाई की मांग की है, भाजपा पर विपक्षी दल निशाना साधते हुए आरोप लगा रहे हैं कि पार्टी अपने सांसद को दंडित करने के बजाय उसका बचाव करने की कोशिश कर रही है. मामला सदन की विशेषाधिकार समिति को भेजा गया.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर दानिश अली के बयानों की जांच के लिए एक जांच समिति बनाने का आग्रह किया. उन्होंने आरोप लगाया कि बसपा सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 'अत्यधिक आपत्तिजनक' टिप्पणी की जिससे बिधूड़ी भड़क गए.
हालांकि, दुबे ने बिधूड़ी की टिप्पणियों की निंदा करते हुए कहा कि कोई भी सभ्य समाज उन्हें उचित नहीं ठहरा सकता और उनकी पर्याप्त निंदा नहीं की जा सकती. भाजपा सांसद रवि किशन शुक्ला और हरनाथ सिंह यादव ने भी रविवार को सभापति को पत्र लिखकर सदन में अली के आचरण पर सवाल उठाया और इसकी जांच की मांग की.