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रामपुर उपचुनावः सपा से उतरे दो उम्मीदवार, आजम खान के करीबी आसिम रजा का नामांकन रद्द

आसिम रजा का नामांकन फॉर्म-ए, फॉर्म-बी और प्रारूप 2 नहीं होने की वजह से खारिज हुआ है. वहीं, समाजवादी पार्टी की ओर से मौलाना मुहिबुल्लाह नदवी ने नामांकन दाखिल किया था.

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आसिम रजा और आजम खान
आसिम रजा और आजम खान

हेट स्पीच केस में आजम खान को सजा होने के बाद रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. इस सीट पर आजम खान ने अपने करीबी आसिम रजा को उम्मीदवार बना दिया था. वहीं, समाजवादी पार्टी ने भी मौलाना मुहिबुल्लाह नदवी को उम्मीदवार बना दिया था. अब खबर है कि आसिम रजा का नामांकन रद्द हो गया है. 

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रजा ने इससे पहले बुधवार को दावा किया था कि वो समाजवादी पार्टी से नामांक पत्र दाखिल कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, फॉर्म-ए, फॉर्म-बी और प्रारूप 2 नहीं होने की वजह से उनका नामांकन खारिज हुआ है. वहीं, समाजवादी पार्टी की ओर से मौलाना मुहिबुल्लाह नदवी ने नामांकन दाखिल किया. इससे पहले आसिम रजा ने भी दावा किया था कि वो समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं.

आसिम रजा इससे पहले रामपुर से लोकसभा उपचुनाव भी लड़ चुके हैं. आजम खान 2019 में रामपुर से लोकसभा चुनाव जीते थे. इसके बाद आजम ने इस सीट से ही विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत गए. विधायक बनने के बाद आजम ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. जून 2022 में रामपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुए. सपा ने आसिम रजा को प्रत्याशी बनाया तो भाजपा ने घनश्याम लोधी को आसिम के खिलाफ मैदान में उतार दिया. कड़े मुकाबले के बाद घनश्याम लोधी ने 42,048 वोटों से आसिम रजा को चुनाव हरा दिया था.

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क्यों गई आजम खान की सदस्यता?

आजम खान ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कथित रूप से रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं. इसकी शिकायत भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने की थी. इसी मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट 27 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाते हुए आजम खान को दोषी करार दिया था और तीन साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद आजम खान की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.

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