झारखंड में अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के हाथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबियों तक पहुंच गए हैं. ईडी ने सीएम सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से पूछताछ शुरू की है. इससे पहले ईडी ने साहेबगंज में पंकज मिश्रा और उनके सहयोगियों के बैंक खातों को सीज किया था. इनमें 36 लाख रुपए होना बताया गया था. अब सीधे पंकज से पूछताछ होने से कई बड़े नामों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
झारखंड में ईडी ने मई महीने में रेड मारी थी. एजेंसी ने सबसे पहले आईएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर जांच की थी. ईडी ने पूजा के सीएम सुमन से भी पूछताछ की थी. इस दौरान ईडी को 19 करोड़ से अधिक कैश और कई अहम दस्तावेज मिले थे. बाद में पूजा को गिरफ्तार कर लिया गया था और सस्पेंड कर दिया गया था. पूजा सिंघल के घर से हुई छापेमारी का दायरा अब CM हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा की गिरेबां तक पहुंच गया है.
विधायक प्रतिनिधि और सहयोगियों के बैंक खाते फ्रीज
एजेंसी ने पहले ही साहेबगंज में पंकज मिश्रा और उनके सहयोगियों के खाते में पाया गया 36 करोड़ रुपया सीज कर लिया था. इनके बैंक अकाउंट भी फ्रीज कर दिए थे. अब पंकज मिश्रा से ED दफ्तर में पूछताछ का सिलसिला भी शुरू हो चुका है.
नाराज देखी जा रही JMM और कांग्रेस
बता दें कि ED को मई महीने में ही भनक लग गई थी कि राज्य में अवैध माइनिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का गोरखधंधा ब्यूरोक्रेट्स और राजनेताओं के गठजोड़ से फल-फूल रहा है. लिहाजा जांच शुरू हुई तो उसका दायरा अब CM हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और उनके करीबी दाहू यादव तक पहुंच गया है. ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस विरोध में देखी जा रही है.
कांग्रेस ने कहा- लोकतंत्र को कुचला जा रहा
JMM महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ED के मायने अब बदल गए हैं. इसके मायने अब End off Democracy हो गया है. आदिवासी मुख्यमंत्री को बदनाम करने का खेल हो रहा है. वहीं, कांग्रेस नेता आलोक दुबे कहते हैं कि लोकतंत्र और प्रजातंत्र बीजेपी के पैरों तले कुचले जा रहे हैं. ED, CBI और बाकी एजेंसी प्रधानमंत्री के इशारे पर काम करने वाली कठपुतली हैं.
बीजेपी ने कहा- इतना डर क्यों...
वहीं, BJP के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि एक प्राइवेट व्यक्ति पर ED के कार्रवाई से आखिर इतनी तिलमिलाहट JMM या कांग्रेस में क्यों है? ऐसा लगता है कि दाल में काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है. BJP के शीर्ष नेताओं ने भी एजेंसी की जांच झेली है. लेकिन इस तरह की बौखलाहट कभी नहीं देखने को मिली.
बताते चलें कि ED की तरफ से कहा गया है कि झारखंड में 100 करोड़ से ज्यादा का अवैध माइनिंग का धंधा है जिसमें राजनेता और ब्यूरोक्रेट्स की पुख्ता भागीदारी है. ऐसे में सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं और सरकार के भविष्य पर भी बहस तेज हो गई है.