झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद को तलब किए जाने वाली तारीख को लेकर ईडी पर नाराजगी जताई है. सीएम सोरेन ने ईडी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिक की साथ ही कड़े संदेश के साख उन्हें भेजे गए समन को वापस लेने की मांग की है. असल में सीएम समन के लिए चुनी गई तारीख से नाराज थे. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि 'राजनीतिक आकाओं के इशारे पर ईडी ने उन्हें समन भेजकर 14 अगस्त को पेश होने के लिए कहा, जबकि यह अच्छी तरह से जानते थे कि स्वतंत्रता दिवस से पहले चुनी गई तारीख किसी भी सीएम के लिए काफी व्यस्त दिन होता है. उन्होंने कहा कि समन से उन्हें कोई आश्चर्य नहीं है.
ईडी के पास पहले से सारे दस्तावेज तो बुलाया क्यों?
उन्होंने सवाल किया कि जब ईडी के पास उनसे जुड़ी चल-अचल संपत्ति के सारे दस्तावेज हैं तो उन्हें फिर से समन क्यों भेजा गया है. इससे पहले नवंबर 2022 में जब उन्हें खनन घोटाले में तलब किया गया था, तब उन्होंने सारी जानकारी दे दी थी. निशिकांत दुबे की शिकायत पर सीबीआई ने उनके सामान और संपत्ति की भी जांच की थी. हेमंत ने यह भी कहा कि उनकी ITR डिटेल भी एजेंसियों के पास है. इसलिए यह समन उनकी छवि को खराब करने और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है.
'अपना समन वापस ले ईडी'
ईडी को अपना समन वापस लेना चाहिए नहीं तो वह कानूनी कार्रवाई करने को मजबूर होंगे. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची ईडी के सहायक निदेशक को पत्र लिखकर एजेंसी के सामने पेश होने के लिए बुलाए गए समन को वापस लेने को कहा है. पत्र में उन्होंने कहा है कि उन्होंने लोकपाल और सीबीआई को सभी जरूरी दस्तावेज और सूचनाएं उपलब्ध करा दी हैं. अगर ईडी को कोई जानकारी चाहिए तो वह इन एजेंसियों से दस्तावेज ले सकती है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि ईडी ने जानबूझकर उन्हें 14 अगस्त को बुलाया था.