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सावरकर के पोते रणजीत बोले- स्वतंत्रता सेनानी होने पर संदेह जताने वालों को राष्ट्र विरोधी करार दिया जाए

वीर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर ने आजतक से कहा कि सावरकर पर संदेह उठाने वाले लोगों को राष्ट्र विरोधी करार दिया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा, 'मैं उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करूंगा कि सावरकर के स्वतंत्रता सेनानी के रूप में संदेह पैदा करने वाले लोगों के खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जाए.'

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वीर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर (फोटो- सौरभ वक्तानिया)
वीर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर (फोटो- सौरभ वक्तानिया)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'संदेह पैदा करने वालों पर एक्शन ले यूपी सरकार'
  • 27 साल जेल में बिताए, और क्या सबूत चाहिएः रणजीत
  • कांग्रेस विधायक ने सावरकर की फोटो पर जताई थी आपत्ति

स्वतंत्रता सेनानी और हिंदूवादी नेता विनायक दामोदर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर का कहना है कि जो लोग सावरकर पर संदेह जताते हैं उन्हें राष्ट्र विरोधी करार दिया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने यूपी सरकार से मांग की कि वह सावरकर के स्वतंत्रता सेनानी होने पर संदेह करने वालों पर तत्काल कार्रवाई करे.

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आजतक/इंडिया टुडे ग्रुप के साथ खास बातचीत में वीर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर ने कहा कि सावरकर पर संदेह उठाने वाले लोगों को राष्ट्र विरोधी करार दिया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा, 'मैं उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करूंगा कि सावरकर के स्वतंत्रता सेनानी के रूप में संदेह पैदा करने वाले लोगों के खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जाए.'

'सावरकर ने 27 साल जेल में बिताए'

उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक (MLC) ने यूपी विधानसभा में विनायक दामोदर सावरकर की फोटो पर आपत्ति जताई थी. कांग्रेस एमएलसी का कहना है कि अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ सावरकर की तस्वीर स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है.

सावरकर के पोते रणजीत इस पूरे घटनाक्रम से बेहद नाराज दिखे. रणजीत सावरकर ने कहा, 'अंग्रेज कहते थे कि सावरकर बेहद खतरनाक आदमी हैं. उन्होंने 27 साल जेल में बिताए. आपको और क्या सबूत चाहिए. जो लोग सावरकर के खिलाफ सवाल उठा रहे हैं, उन्हें राष्ट्र विरोधी कहा जाना चाहिए.'

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रणजीत सावरकर ने कहा, 'अब वे सावरकर के पत्रों के बारे में बात कर रहे हैं. सावरकर ने लिखा था कि उनके साथी कैदियों को रिहा किया जाना चाहिए. वे सावरकर के पत्रों के बारे में बता रहे थे, मेरे पास गांधी और नेहरू के ऐसे इतने पत्र हैं. हाउस ऑफ माउंटबेटन में भारत के आंतरिक मामले पर चर्चा की गई. कहने को बहुत कुछ है. कांग्रेस में बेशर्म लोग हैं, अगर वे बीजेपी को निशाना बनाना चाहते हैं, तो वे सावरकर को भी निशाना बनाएंगे.'

क्या है विवाद?

कांग्रेस विधायक दीपक सिंह का कहना है कि राज्य की विधान परिषद की गैलरी में मौजूद विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर हटाई जाए. दीपक ने विधान परिषद के सभापति को पत्र लिखकर कहा है कि स्वतंत्रता सेनानियों के बीच सावरकर की तस्वीर अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है. बीजेपी को ये तस्वीर अपने संसदीय कार्यालय में लगानी चाहिए.

विधान परिषद के नेता दीपक सिंह ने अपने पत्र में लिखा, 'लाख यातनाओं के बाद भी अंग्रेजों से माफी न मांगकर और देश के साथ खड़े रहने वाले महापुरुषों के बीच सावरकर का चित्र लगाया जाना अन्य महान स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है.'

इस बीच विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर वाले मुद्दे पर विधान परिषद के प्रमुख सचिव को तथ्यों की जांच कर कार्यवाही करने का निर्देश दिया है. 

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कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद की गैलरी में सावरकर की तस्वीर का लोकार्पण किया था. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा था कि इस चित्र वीथिका में सावरकर का भी नाम है, जो एक ही जन्म में दो आजीवन कारावास की सजा पाए.

कौन थे विनायक दामोदर सावरकर?

मुंबई में 28 मई 1883 को जन्मे विनायक दामोदर सावरकर क्रांतिकारी होने के साथ-साथ लेखक, वकील और हिंदुत्व की विचारधारा के बड़े समर्थक थे. स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अंग्रेजों ने सावरकर को कालापानी की सजा दी थी. सावरकर का निधन 1966 में 26 फरवरी को हुआ था.

मौजूदा वक्त में भी सावरकर देश की राजनीति से अछूते नहीं हैं. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सावरकर को एक अहम स्वतंत्रता सेनानी बताती है, तो वहीं कांग्रेस की ओर से हमेशा यही आरोप लगाया जाता है कि उन्होंने अंग्रेजों से कई बार माफी मांगते हुए सजा कम करने की अपील की थी. इस मुद्दे को लेकर कई बार दोनों पार्टियों में आर-पार की लड़ाई हो चुकी है.

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