जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में नौ दिन पहले क्रैश हुए सेना के एविएशन हेलीकॉप्टर के अवशेषों का बुधवार को पता चल गया है. यह हेलीकॉप्टर जिले के रंजीत सागर डैम में क्रैश होने के बाद गिर गया था, जिसमें दो पायलट भी सवार थे. हादसे के बाद पायलटों का भी कोई पता नहीं चल सका था.
सेना लगातार दो पायलटों समेत हेलीकॉप्टर के अवशेषों का पता लगाने में जुटी हुई थी. बुधवार को हेलीकॉप्टर के अवशेष लगभग 80 मीटर की गहराई पर दिखाई दिए हैं. इनको वापस निकालने के लिए रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल उड़ाए जा रहे हैं. सेना के हेलीकॉप्टर का पता लगाने के लिए हादसे के बाद से ही सर्च अभियान चलाया जा रहा था.
तीन अगस्त को हेलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद रंजीत सागर डैम में समा गया था. यह डैम तकरीबन 25 किलोमीटर लंबा और आठ किलोमीटर चौड़ा है और 500 फीट से अधिक गहरा है. इंडियन नेवी के साथ भारतीय सेना भी हेलीकॉप्टर और उसमें सवार पायलटों का पता लगाने की पुरजोर कोशिश कर रही थी. इसके लिए दो अधिकारियों, चार जेसीओ और 24 अन्य रैंक्स के कर्मचारी साइड स्कैनर्स, रिमोट से ऑपरेट होने वाले व्हीकल, मल्टी बीमा सोनार आदि से सर्च ऑपरेशन चला रही थी.
#SearchOperations
— Western Command - Indian Army (@westerncomd_IA) August 11, 2021
The wreckage of the #ArmyHelicopter that had crashed into the #RanjitSagarReservoir has been identified at a depth of approx 80m from the surface of the reservoir.Heavy duty #RemotelyOperatedVehicles are being flown in to assist the recovery operations@adgpi pic.twitter.com/kmNMBDXhqQ
बारिश का मौसम होने की वजह से सर्च ऑपरेशन में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. कई बार बारिश और खराब मौसम के चलते सर्च ऑपरेशन में बाधा पहुंची लेकिन बुधवार को विमान के अवशेष का पता चल गया. बता दें कि तीन अगस्त सुबह करीब 10.20 बजे भारतीय सेना का हेलीकॉप्टर 254 आर्मी AVN स्क्वाड्रन ने मामुन कैंट से उड़ान भरी थी. हेलीकॉप्टर डैम इलाके के पास कम ऊंचाई का राउंड ले रहा था. इसी दौरान वह डैम में क्रैश हो गया था.