scorecardresearch
 

इंतजार खत्म! इसी महीने से दौड़ेगी देश की पहली रैपिड रेल, जानें क्या आया अपडेट

देश की पहली रैपिड रेल का इंतजार बस खत्म होने वाला है. लेटेस्ट अपडेट की मानें तो इसी महीने रैपिड रेल के पहले सेक्शन का उद्घाटन हो सकता है. इसके लिए पीएमओ से डेट भी मांग ली गई है. हालांकि, अभी पीएमओ द्वारा कोई डेट नहीं दी गई है.

Advertisement
X
Rapid Rail Metro (Representational Image)
Rapid Rail Metro (Representational Image)

देश की पहली रैपिड रेल की शुरुआत जल्द होने जा रही है. इसके पहले सेक्शन की शुरुआत किसी भी दिन हो सकती है. रैपिड रेल पर आए लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट का पहला हिस्सा इसी महीने शुरू होगा. नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की मानें तो दिल्ली एनसीआर के रैपिड रेल कॉरिडोर की देखभाल करने वाली नोडल एजेंसी, 17 किलोमीटर के पहले खंड को इसी महीने शुरू कर सकती है. 
 
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो मेरठ-दिल्ली रैपिड रेल के पहले फेज के उद्घाटन के लिए पीएमओ से संपर्क किया गया है. हालांकि, अभी पीएमओ की ओर से उद्घाटन की कोई तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसी महीने में इसके पहले सेक्शन का उद्घाटन हो जाएगा.

Advertisement

पहला सेक्शन गाजियाबाद के दुहाई से साहिबाबाद तक है जो 17 किलोमीटर का है. इसके बीच 5 स्टेशन हैं. साहिबाबाद,गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो. दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं. पहले चरण के बाद इस प्रोजेक्ट को दुहाई से मेरठ तक बढ़ाया जाएगा. मेरठ साउथ तक दूसरे चरण में कार्य होगा, तीसरे चरण में साहिबाबाद से दिल्ली के बीच कार्य पूरा होगा. वर्ष 2025 में रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के बीच दौड़ती नजर आएगी. यह सफर महज 55 मिनट में पूरा हो जाएगा.

जानें रैपिड रेल के फीचर्स 
आरआरटीएस ट्रेन के डिब्बों में बैठने के लिए आमने-सामने 2x2 सीटें होंगी. इसके अलावा, यात्री खड़े होकर भी सफर कर सकेंगे. ऑटोमेटिक प्लग-इन दरवाजों के अलावा रैपिड रेल में जरूरत के आधार पर चुनिंदा दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन होंगे. हर स्टेशन पर सभी दरवाजे खोलने की जरूरत नहीं होगी. इससे एनर्जी की भी बचत होगी. आरआरटीएस ट्रेनों में विशाल, आरामदायक और झुकी हुई सीटें होंगी. 

Advertisement

इसके अलावा, हर ट्रेन में एक डिब्बा महिलाओं के लिए रिजर्व्ड रहेगा. प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाए जाएंगे और ट्रेनों के दरवाजों को इस पीएसडी से जोड़ा जाएगा. ऐसा होने से यात्रियों के पटरी पर गिरने जैसी दुर्घटनाओं को पूरी तरह खत्म किया जा सकेगा.

 

Advertisement
Advertisement