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Bombay HC की फटकार के बाद Rapido ने महाराष्ट्र में सेवाएं रोकी

बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल डॉ. बीरेंद्र सराफ ने अदालत को बताया कि बाइक टैक्सी को राज्य में चलाने की मंजूरी नहीं है क्योंकि इसके लिए राज्य में कोई नीति या गाइडलाइंस नहीं है. उन्होंने कहा कि फैसला लंबित होने तक रैपिडो को राज्य में बाइक टैक्सी नहीं चलानी चाहिए.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

ऐप के जरिए बाइक टैक्सी सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी रैपिडो का कहना है कि उसने तत्काल प्रभाव से महाराष्ट्र में अपनी सेवाएं बंद कर दी है. रैपिडो अभी तक बिना लाइसेंस के ही ऑपरेट कर रहा था, जिस वजह से बॉम्बे हाईकोर्ट से उसे फटकार भी पड़ी थी. 

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बॉम्बे हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल डॉ. बीरेंद्र सराफ ने अदालत को बताया था कि बाइक टैक्सी को राज्य में चलाने की मंजूरी नहीं है क्योंकि इसके लिए राज्य में कोई नीति या गाइडलाइंस नहीं है. उन्होंने कहा कि फैसला लंबित होने तक रैपिडो को राज्य में बाइक टैक्सी नहीं चलानी चाहिए.

जस्टिस जीएस पटेल और जस्टिस एसजी डिगे की पीठ ने सहमति जताई कि पॉलिसी सभी एग्रीगेटर्स के लिए समान होनी चाहिए. या तो सभी को मंजूरी दी जाएगी वरना नहीं दी जाएगी. 

सुनवाई के दौरान सराफ ने उन एग्रीगेटर्स की सूची पेश की, लाइसेंस के लिए जिनकी याचिकाएं लंबित हैं. उन्होंने कहा कि रैपिडो बिना किसी लाइसेंस के टैक्सी और ऑटो रिक्शा चला रहा है. इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने रैपिडो को फटकार लगाते हुए उसे अपने सेवाएं लाइसेंस मिलने तक सस्पेंड करने का निर्देश दिया था. 

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रैपिडो ने कोर्ट के निर्देश के बाद आज दोपहर एक बजे से राज्य में अपनी सेवाएं बंद करने को लेकर अपनी सहमति दे दी. इसमें टू-व्हीलर पैसेंजर सर्विस, दो-व्हीलर पार्सल सर्विस और ऑटो सर्विस शामिल है. यह बैन 20 जनवरी तक लागू रहेगा.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में बाइक टैक्सी की मंजूरी को लेकर पॉलिसी बनाने में अनिश्चितता को लेकर मंगलवार को राज्य सरकार की खिंचाई की थी. 

     

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