केरल के पलक्कड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक जारी है. 31 अगस्त को शुरू हुई संघ की इस बैठक का आज (2 सितंबर) आखिरी दिन है. इसमें बीजेपी सहित संघ के 32 सहयोगी संगठन से जुड़े लोग शामिल हुए हैं. एक अगस्त को इस बैठक में सामाजिक समरसता पर लंबी चर्चा हुई.
बैठक के दौरान पिछले कई सालों में विपक्ष के द्वारा जाति आधारित जनगणना की मांग उठाए जाने पर भी बात हुई. इस मुद्दे पर संघ का मानना है कि सामाजिक समरसता के तहत हिंदुत्व के मुद्दे के साथ समाज को जातियों में बटने से रोका जा सकता है. बता दें कि 2024 के चुनावों के बाद संघ और उसके सहयोगियों के बीच यह पहली समन्वय बैठक है.
शताब्दी वर्ष को लेकर भी चर्चा
संघ शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन- सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्रीय स्वत्व और नागरिक कर्तव्य के आधार पर एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक परिवर्तन की योजना बना रहा है. संघ शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन के तहत सामाजिक समरसता देशव्यापी परिवर्तन के लिए अभियान चलायेगा.
सहयोगी संगठनों ने रखे विचार
संघ की समन्वय बैठक में सामाजिक समरसता का मुद्दा सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने उठाया और संघ के कई पदाधिकारियों ने और संघ के सहयोगी संगठनों ने अपने विचार रखे. पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों के संघ पदाधिकारियों ने पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा का ब्योरा भी बैठक में साझा किया.
दिया सदस्यता अभियान का ब्योरा
बैठक में जेपी नड्डा और बीजेपी महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने पार्टी के सदस्यता अभियान और आंतरिक चुनावों का ब्योरा साझा किया. बैठक के दौरान जेपी नड्डा ने संघ प्रमुख भागवत और अन्य सहित संघ के शीर्ष पदाधिकारियों से भी मुलाकात की.
जेपी नड्डा के साथ हुई अहम बैठक
संघ पदाधिकारियों और जेपी नड्डा के बीच यह बैठक काफी महत्वपूर्ण थी, क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले जेपी नड्डा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि पार्टी अब आत्मनिर्भर है और उसे संघ के समर्थन की जरूरत नहीं है.