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Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना टनल में फंसे कर्मचारियों को निकालेंगे 'सिलक्यारा के हीरो', 6 रैट माइनर्स की टीम पहुंची

Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना के नागरकुरनूल में SLBC सुरंग में फंसे 8 श्रमिकों को बचाने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में रैट माइनर्स की टीम को शामिल किया गया है. रैट माइनर्स की छह सदस्यीय एक टीम सोमवार को नागकुरनूल पहुंच गई है तो दूसरी टीम मंगलवार को घटनास्थल पर पहुंचेगी. बताया जा रहा है कि रैट माइनर्स की टीम मुन्ना कुरैशी के नेतृत्व में रेस्क्यू ऑपरेशन में भाग लेगी.

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तेलंगाना में हुए टनल हादसे के बाद कड़ी मशक्कत कर NDRF की टीम किसी तरह घटनास्थल तक पहुंची. (File Photo)
तेलंगाना में हुए टनल हादसे के बाद कड़ी मशक्कत कर NDRF की टीम किसी तरह घटनास्थल तक पहुंची. (File Photo)

Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना के नागरकुरनूल में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 8 लोगों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में अब सिलक्यारा के हीरो रैट माइनर्स की एक टीम को शामिल किया गया है. बताया जा रहा है कि रैट माइनर्स की छह सदस्यीय एक टीम घटना स्थल पर पहुंच गई है, जबकि एक अन्य टीम मंगलवार को नागरकुरनूल पहुंचेगी. 

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सूत्रों का कहना है कि एसएलबीसी सुरंग में फंसे 8 श्रमिकों को बचाने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में सिलक्यारा सुरंग बचाव दल के रैट माइनर्स की टीम को शामिल किया गया है. सोमवार को रैट माइनर्स की छह सदस्यीय एक टीम एसएलबीसी सुरंग पहुंच गई है, जबकि एक अन्य टीम मंगलवार को तेलंगाना पहुंचेगी. रैट माइनर्स की ये टीम मुन्ना कुरैशी के नेतृत्व में रेस्क्यू ऑपरेशन में भाग लेगी. बताया जा रहा है कि रैट माइनर्स की टीम भारतीय सेना, NDRF, SDRF और अन्य एजेंसियां के साथ मिलकर काम करेगी.

सूत्रों ने बताया कि सुरंग के ढहने के बाद 13वें किलोमीटर तक पहुंचने में सफल रही टीमों ने फंसे हुए लोगों के नाम पुकारे, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. टनल में फंसे आठ लोगों में दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर शामिल हैं.

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'मशीन की ली जाएगी मदद'

नागरकुरनूल कलेक्टर बी. संतोष ने बताया कि हम अभी एक रेस्क्यू टीम भेज रहे हैं, हम आखिरी 40 मीटर तक नहीं पहुंच पाए, अब मशीन की मदद से हम अंदर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही सुरंग से पानी निकालने का काम चल रहा है और खुदाई करने वाली मशीनें भी अंदर भेजी जाएंगी.

साढ़े 13 किमी पहुंची टीम

वहीं, एनडीआरएफ अधिकारी ने बताया कि सुरंग के अंदर भारी मलबा और क्षतिग्रस्त टनल बोरिंग मशीन (TBM) के टुकड़े बिखरे हुए हैं. 13.5 किमी तक पहुंचने के बाद बचाव दल ने अंदर फंसे लोगों को आवाज दी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. अगले 200 मीटर का सफर तय करने के बाद ही उनकी स्थिति स्पष्ट होगी.

तेलंगाना के सिंचाई एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री कैप्टन एन उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि सरकार नागरकुरनूल जिले में ढही श्रीशैलम लेफ्ट बैंक नहर (एसएलबीसी) सुरंग के अंदर फंसे आठ श्रमिकों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

'हाई अलर्ट पर है प्रशासन'

उत्तम कुमार रेड्डी ने बचाव कार्यों का निरीक्षण करते हुए कहा, 'हमने सेना, नौसेना और एनडीआरएफ के प्रतिनिधियों के साथ राहत कार्यों की समीक्षा की है. सरकार सुरंग के अंदर आठ लोगों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और पूरा प्रशासन हाई अलर्ट पर है.'

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मंत्री ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री से बात की और बचाव प्रयासों के लिए अपना पूरा समर्थन व्यक्त किया. राहुल गांधी ने आज व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री को फोन करके जानकारी दी, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनसे बात की थी और सभी आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया था.

'टनल में पानी और कीचड़ जमा'

उन्होंने बताया, पानी की वजह से सुरंग की प्राकृतिक चट्टानें ढीली हो गईं हैं. जिससे सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ जमा हो गया है. इससे 12 से 13 फीट का हिस्सा भर गया है. ये एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण स्थिति है और तकनीकी विशेषज्ञ इस समस्या को हल करने के लिए चौबीस घंटे काम कर रहे हैं.

मंत्री ने ये भी बताया कि सुरंग में भारी मशीनरी ले जाना मुश्किल है, लेकिन अधिकारी मलबा हटाने के लिए वैकल्पिक तरीकों पर काम कर रहे हैं. सिंचाई विभाग, आपदा प्रतिक्रिया दल और रक्षा कर्मी प्रयासों का समन्वय कर रहे हैं. ऑक्सीजन को लगातार अंदर पंप किया जा रहा है और पानी निकालने के लिए मोटरें लगाई जा रही हैं.

22 फरवरी को हुआ हादसा

बता दें कि 22 फरवरी की सुबह डोमलपेंटा इलाके में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल टनल का एक हिस्सा ढह गया, जिसकी वजह से टनल के अंदर काम कर रहे 8 लोग फंस गए. टनल के अंदर फंसे लोगों में चार झारखंड, दो यूपी, एक-एक जम्मू-कश्मीर और पंजाब के लोग हैं. राहत और बचाव कार्य के लिए भारतीय सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), एसडीआरएफ और रैट माइनर्स की टीम मौके पर तैनात है और श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का कोशिश जारी है.

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