राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग संस्थान में शनिवार को हुए हादसे में 3 छात्रों की मौत हो गई थी. इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में एक और जनहित याचिका दाखिल की गई है. हालांकि, एक याचिका रविवार को भी दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की जा चुकी है. एडवोकेट रूद्र विक्रम सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में इस जनहित याचिका के जरिए कोर्ट से गुहार लगाई है कि ओल्ड राजेंद्र नगर की कोचिंग संस्थान में हुई घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाए.
याचिका में क्या मुद्दे उठाए गए?
कैसे हुआ हादसा?
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस (Rau's IAS) कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में शनिवार शाम को बारिश के बाद पानी भरने से हादसा हो गया. इस दौरान कोचिंग में पढ़ने वाले तीन स्टूडेंट्स की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने हादसे की जांच के लिए FIR दर्ज की है और कई टीमें गठित की हैं. पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता और को-ऑर्डिनेटर को गिरफ्तार कर लिया है.
आखिर कोचिंग के बेसमेंट में कैसे भरा पानी?
मामले में सवाल उठता है कि कोचिंग में इतना पानी कैसे भर गया, जो छात्रों के डूबने जैसी हालत बन गई. इसे लेकर चश्मदीदों ने हैरान करने वाली बातें बताई हैं. चश्मदीद छात्र के मुताबिक, बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में करीब 30-35 स्टूडेंट्स मौजूद थे. शाम 7 बजे लाइब्रेरी बंद होने पर जैसे ही हम बाहर निकले, तो सामने से बहुत तेज प्रेशर से पानी आ रहा था. जब तक हम लोग लाइब्रेरी खाली करते, तब तक घुटनों तक पानी भर चुका था.
सिर्फ 2 से तीन मिनट में छत तक हो गया जलभराव
बहाव इतना तेज था कि हम सीढ़ियां नहीं चढ़ पा रहे थे. 2-3 मिनट के अंदर पूरे बेसमेंट में 10-12 फुट पानी भर गया. वहां से निकलने के लिए रस्सियां फेंकी गईं, लेकिन पानी इतना गंदा था कि कुछ भी नहीं दिख रहा था. वहां से एक-एक कर बच्चे निकाले जा रहे थे. छात्र ने कहा कि मेरे पीछे 2 लड़कियां और थीं. जो निकल नहीं पाईं.
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तेजी से प्रेशर के साथ भर गया पानी
गेट की तरफ से तेज से प्रेशर आ रहा था, हमने बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन तेज प्रेशर के कारण हम सीढ़ियां ही नहीं चढ़ सके. पानी इतनी तेज भर रहा था कि 2 से 3 मिनट में ही पूरे बेसमेंट में छत तक पानी भर गया. बेसमेंट की छत की ऊंचाई 12 फीट तक की है और पलक झपकते फ्लैश फ्लड की तरह पानी भर गया. हमें बचाने के लिए रस्सी फेंकी गई, लेकिन गंदे पानी में हम रस्सियां देख ही नहीं पा रहे थे.
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