पिछले दो साल से वार्ताओं के दौर और लद्दाख में धूल चाटने के बावजूद चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. अब ताजा सेटेलाइट तस्वीरें इसकी गवाही दे रही हैं. ये तस्वीरें लद्दाख में पैंगोंग झील पर चीन के निर्माणाधीन पुल की हैं जिसके जरिये चीन ने एक बार फिर एलएसी पर अतिक्रमण का प्लान तैयार किया है.
भारत और चीन के बीच लंबे वक्त से जारी तनाव के बावजूद चीन ने भारत से पंगा लेने का नया ब्रिज तैयार कर लिया है. आखिर इस ब्रिज के निर्माण के पीछे चीन की असल मंशा क्या है और ये भारत के लिए कितनी चिंता का विषय है ? पैंगोंग झील पर चाइनीज ब्रिज की हाई-रेजोल्यूशन तस्वीरों में इन सभी सवालों का जवाब दर्ज है.
चीनी साजिश की खुल गई पोल
जो तस्वीरें सामने आई हैं वो कोई आम सेटेलाइट तस्वीरें नहीं हैं बल्कि लद्दाख में चीन की साजिशों के ब्लैक एंड व्हाइट सबूत हैं, पैंगोंग झील पर चीन एक पुल का अवैध निर्माण करने में जुटा है जो 8 मीटर चौड़ा और 315 मीटर लंबा है.
16 जनवरी की सेटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि पुल निर्माण में लगे चीनी मजदूर और इंजीनियर एक भारी क्रेन की मदद से कंक्रीट स्लैब और खंबों को जोड़ने का काम कर रहे हैं.
आजतक को मिली इन सेटेलाइट तस्वीर में दिख रहा है कि पैंगोंग झील के नॉर्थ बैंक को साउथ बैंक से जोड़ने वाला ये ब्रिज उस क्षेत्र में बन रहा है जो 1958 से चीन के कब्जे में है.
इस पुलिस के निर्माण को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि इस पुल का निर्माण उन इलाकों में किया जा रहा है, जहां करीब 60 साल से चीन का अवैध कब्जा है. भारत ने इस तरह के अवैध कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है.
चार महीने में चीन ने तैयार किया पुल
इन सेटेलाइट तस्वीरों और यूरोपियन स्पेस एजेंसी की तस्वीरों से मैच करने पर पता चलता है कि चीन ने पैंगोंग झील के नॉर्थ बैंक से पिछले साल सितंबर में इस पुल के निर्माण का काम शुरु किया था. चार महीने में ही ये पुल लगभग बनकर तैयार हो चुका है.
साउथ बैंक की तरफ पुल का सिर्फ कुछ मीटर निर्माण कार्य ही बाकी बचा है. इस पुल के निर्माण के पीछे चीन की मंशा भी साफ जाहिर है. इसे 2020 में भारत के साथ हुए तनाव के दौरान भारतीय सेना की तैयारियों और स्ट्रैटजिक लोकेशन के तोड़ के रुप में देखा जा रहा है.
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पैंगोंग में चीन का ये पुल सितंबर 2020 में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट में कैलाश की चोटी पर कब्जा करने के भारतीय सेना का आक्रामक कदम का सीधा जवाब है.
उस समय चीनी सैन्य तैनाती को भारतीय सेना से काफी खतरा महसूस हो रहा था, जिसके कारण उन्हें अन्य स्थानों से सैनिकों को वापस लाकर झील के आसपास के इलाके में तैनात करने पर मजबूर होना पड़ा था.
इन हाई रेजॉल्यूशन तस्वीरों में दिखाया गया है कि पैंगोंग लेक पर चीन का नया पुल उस क्षेत्र में चीनी सेना को बेहतर लॉजिस्टिक्स उपलब्ध कराएगा और चीन को झील के किसी भी किनारे से सैनिकों को जल्द जुटाने की क्षमता देगा.
नॉर्थ बैंक के सैनिकों को अब अपने बेस तक पहुंचने के लिए पैंगोंग झील के आसपास लगभग 200 किलोमीटर ड्राइव करने की आवश्यकता नहीं होगी. ये सफर अब करीब 150 किमी कम हो जाएगा.
चीन के हरकत पर भारत की कड़ी नजर
भारत सरकार भी मानती है कि चीन का ये पुल लद्दाख में एलएसी पर भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का जवाब है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा भारत ने बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए बजट में काफी वृद्धि की है और पहले से कहीं अधिक सड़कों और पुलों का काम पूरा किया है.
ये कोई पहली बार नहीं जब चीन ने LaC पर अवैध निर्माण किया है. गलवान से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक चीन की चालबाजियों के सेटेलाइट सबूत सामने आते ही रहते हैं.
ऐसा पहली बार नहीं है जब चीन की हरकतों का खुलासा सेटेलाइट तस्वीरों ने किया है. दरअसल चीन खुद को बड़ा शातिर समझता है. लद्दाख में गतिरोध के बाद जबसे चीजें सामान्य होनी शुरु हुई हैं तभी से चीन नई साजिशें रचने में जुटा है.
लद्दाख में जिस हिस्से के लिए समझौता हुआ है उससे ठीक सटाकर चीन ने स्थाई निर्माण शुरू कर दिया है. पिछले महीने सेटेलाइट तस्वीरों से पता चला था कि भारत के साथ समझौते के बावजूद चीन ने पैंगोंग झील से सटे इलाके में पक्का निर्माण कर लिया है
चीन ने बसा दिया पूरा गांव
अमेरिका के एक पत्रकार ने कुछ तस्वीरें जारी की थीं जिसमें पैंगोंग झील के नॉर्थ बैंक पर चीन के हेलीपैड और बंकर दिखाई दे रहे थे. इससे पहले भी नवंबर 2021 में अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में बड़ा सा गांव बसा लिया है.
रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीन ने ये सालों पहले ही बना लिये थे. इसके अलावा ऐसी भी खबरें हैं कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास मिसाइल और रॉकेट रेजिमेंट की तैनाती भी कर दी है.
सूत्रों के मुताबिक अक्साई चीन इलाके में चीन एलएसी पर ज्यादा तेजी से पहंचने के लिए हाईवे बना रहा है. चीन ने लद्दाख में एलएसी पर ना सिर्फ अपने एयरबेस अपग्रेड किये हैं बल्कि हाईवे को चौड़ा करने और एयर स्ट्रिप बनाने का काम भी शुरु कर दिया है.
ये सारे काम चीन ने लद्दाख में समझौते के बाद किए हैं जिसका मतलब ये है कि चीन एक तरफ तो भारत से बातचीत और समझौते का नाटक कर रहा है और दूसरी तरफ LaC पर अपनी उसी पुरानी आदत से मजबूर है. (आज तक ब्यूरो)
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