केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है. इस बीच, किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर भी जांच-पड़ताल चल रही है. लालकिले में 26 जनवरी को हुए बवाल का एक एक्सक्लूसिव वीडियो सामने आया है.
असल में, 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा को लेकर जारी इस वीडियो में देखा जा सकता है कि लाल किले पर पहुंचे प्रदर्शनकारी किस तरह उत्पात मचा रहे हैं. लालकिले पर हुए बवाल के ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं जो बताते हैं कि कैसे प्रदर्शनकारी लाल किले का गेट तोड़ने की बात कर रहे हैं. 'चला गोली' बोलते हुए प्रदर्शनकारी नजर आए. 'पहले प्यार है, फिर हथियार है...गेट खोल गेट खोल, नहीं तो तोड़ेंगे' बोलते हुए भी प्रदर्शनकारियों को देखा जा सकता है.
लालकिले पर 26 जनवरी को मचे तांडव के रोज नए सबूत, नए वीडियो सामने आ रहे हैं. ऐसे वीडियो जो इशारा करते हैं कि उपद्रवियों की भीड़ सिर्फ जोश या जुनून में लालकिले नहीं पहुंच गई थी. इसके पीछे साजिश की आशंका जाहिर की जा रही है. वीडियो से पता चलता है कि भीड़ लाल किले में ऊंचाई पर मौजूद तिरंगे के पैसेज के करीब की है. यहां 26 जनवरी को 25 पुलिस वाले तैनात थे. लेकिन भीड़ में शामिल लोग ऊपर तक पहुंच गए. एक एक करके ये उपद्रवी तिरंगे वाले पैसेज तक पहुंच गए.
वीडियो में देखा जा सकता है उनके निशाने पर लालकिले में सबसे ऊंचाई पर फहरा रहा तिरंगा था. पुलिस ने आगे बढ़ते उपद्रवियों को देखकर गोली भी चलाई. लेकिन उपद्रवी आगे बढ़ते रहे.
भीड़ में शामिल लोग आगे बढ़ने की कोशिश करते रहे. प्रदर्शनकारी सीढ़ी से चढ़ने की कोशिश कर रहे थे तभी आत्मरक्षा में पुलिस को गोली चलानी पड़ी. हालांकि पुलिस ने फिर भी एहतियात बरतते हुए पैर की तरफ गोली चलाई थी. आकाशप्रीत नाम के एक शख्स को पुलिस ने बाद में हिंसा में गिरफ्तार किया था.
हिंसा और हथियारों के साथ चढ़ाई के दूसरे सबूतों से जुड़ा 26 जनवरी का ये वीडियो लालकिले के बाहर का है.तस्वीरें उस वक्त की है जब ये उपद्रवी वहां पहुंचे ही थे. उपद्रवी लालकिले के गेट तोड़ने की बात कर रहे थे. वीडियो से पता चलता है कि बेखौफ उपद्रवियों ने एक पुलिसकर्मी को घेर लिया था और उसको लगातार धमका रहे. बार बार ये उपद्रवी बता रहे हैं कि उनके पास हथियार हैं.
गनीमत रही कि पुलिस ने उस दिन हालात को बेहद संजीदगी के साथ संभाला और चोट खाने के बाद भी संयम का रास्ता नहीं छोड़ा. ये सभी फुटेज दिल्ली सरकार की तरफ से लगाए सीसीटीवी में कैद हैं. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इनको जांच के लिए भेजा है.