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360 दिन की जेल के बाद 42 दिन के लिए बाहर आएंगे सत्येंद्र जैन, SC से अंतरिम जमानत मंजूर

सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए जमानत की मांग की थी. इससे पहले गुरुवार को वे तिहाड़ जेल की बाथरूम में चक्कर आने के बाद गिर गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 42 दिन के लिए जमानत दे दी है.

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सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट से राहत
सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट से राहत

आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट मेडिकल ग्राउंड के आधार पर जैन को 42 दिन की जमानत दी है. सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. उन्हें 360 दिन बाद अंतरिम जमानत मिली है. 

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सत्येंद्र जैन गुरुवार को तिहाड़ जेल के बाथरूम में चक्कर आने के बाद गिर गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था. जैन को डीडीयू अस्पताल से दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में शिफ्ट कराया गया था. यहां उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था. 

केजरीवाल ने केंद्र पर साधा था निशाना

सत्येंद्र जैन की तबीयत खराब होने की खबर के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि जो इंसान जनता को अच्छा इलाज और अच्छी सेहत देने के लिए दिन-रात काम कर रहा था, आज उस भले इंसान को एक तानाशाह मारने पर तुला है. उस तानाशाह की एक ही सोच है - सबको ख़त्म कर देने की, वो सिर्फ़ “मैं” में ही जीता है. वो सिर्फ़ खुद को ही देखना चाहता है. भगवान सब देख रहे हैं, वो सबके साथ न्याय करेंगे. ईश्वर से सत्येंद्र जी के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. भगवान उन्हें इन विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की शक्ति दें. 

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सत्येंद्र जैन ने खटखटाया था SC का दरवाजा

सत्येंद्र जैन पिछले 1 साल से जेल में बंद हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले दिनों उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जैन ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. SC में सुनवाई के दौरान जैन की ओर से पेश वकील ने बताया था कि सत्येंद्र जैन को अत्यधिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं, उनका वजन 35 किलोग्राम कम हो गया है और अब वह कंकाल बन गए हैं. 

किस मामले में गिरफ्तार हुए थे सत्येंद्र जैन

सत्येंद्र जैन को पिछले साल मई में 2017 के मामले में गिरफ्तार किया गया था. 24 अगस्त 2017 को CBI ने सत्येंद्र जैन और अन्य लोगों के खिलाफ IPC की धारा 109 और प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. ये मामला आय से अधिक संपत्ति का था. 

- दिसंबर 2018 में CBI ने चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें बताया गया कि 2015 से 2017 के बीच पद पर रहते हुए सत्येंद्र जैन की संपत्ति में इजाफा हुआ है. CBI ने बताया था कि सत्येंद्र जैन के पास उनके ज्ञात स्रोत से हुई कमाई से 200 फीसदी से ज्यादा संपत्ति है. 

- CBI की FIR के आधार पर ED ने भी सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस दर्ज किया. ED ने अपनी जांच में कथित तौर पर पाया था कि सत्येंद्र जैन और उनके परिवार के मालिकाना हक और नियंत्रण वाली कंपनियों को हवाला के जरिए पैसा मिला. इसका इस्तेमाल जमीन खरीदने के लिए किया गया.

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सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग के क्या आरोप?

- ED ने चार कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू की थी. ये कंपनियां पर्यास इन्फोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड हैं. इन कंपनियों में सत्येंद्र जैन और उनके परिवार के सदस्य शेयरहोल्डर्स हैं. 

- ED के मुताबिक, विधायक बनने से पहले सत्येंद्र जैन इनमें से तीन कंपनियों में डायरेक्टर थे, जबकि सभी चारों कंपनियों में उनके परिवार की हिस्सेदारी थी. 

- इन कंपनियों ने 2010 से 2012 के बीच 11.71 करोड़ रुपये की रकम की हेराफेरी की. इसके अलावा 2015-16 में जब सत्येंद्र जैन विधायक थे, तब 4.63 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई. 

- सत्येंद्र जैन ने अपने कर्मचारियों और एसोसिएट्स के जरिए ये पूरा पैसा नकद में कोलकाता स्थित शेल कंपनियों के एंट्री ऑपरेटर्स को दिया. इसके बाद इन ऑपरेटर्स ने इन्वेस्टमेंट के रूप में इस पैसे को इन चारों कंपनियों में लगाया. 

- इन चारों कंपनियों पर कथित तौर पर सत्येंद्र जैन का कंट्रोल था. हालांकि, 2013 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने इन कंपनियों के डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था. 

- बाद में यही पैसा शेल कंपनियों के जरिए शेयर खरीदने के लिए इन्वेस्टमेंट के रूप में आया. इस पैसे से 2010-11 और 2013-14 में 27.69 करोड़ रुपये की खेती की जमीन खरीदी गई थी.

 

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