26 जनवरी के मौके पर दिल्ली के राजपथ पर हिन्दुस्तान का विहंगम दृश्य देखने को मिला. यहां न सिर्फ भारत की ताकत, शौर्य और बहादुरी की झलक देखने को मिली बल्कि ऐसा लगा मानों देश की बहुरंगी संस्कृति एक के बाद एक राजपथ पर उतर आई है.
राजपथ पर सबसे पहले देश की सेनाओं ने परेड मार्च किया. परेड का आकर्षण रहा बांग्लादेश का मार्चिंग दस्ता और बैंड. राजपथ पर पहली बार बांग्लादेश की सशस्त्र सेनाओं के 122 सैनिकों के मार्चिंग दस्ते ने अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज करवाई.
इसके बाद भारतीय सेना की 61 कैवलरी की बारी आई. इस कैवलरी को विश्व में अपनी तरह की अकेली सक्रिय घुड़सवार रेजिमेंट होने का गौरव हासिल है.
टी-90 टैंक भीष्म का प्रदर्शन
इसके बाद राजपथ पर टी-90 टैंक भीष्म का प्रदर्शन किया गया. यह मुख्य युद्धक टैंक, हंटर-किलर सिद्धांत पर कार्य करता है. यह 125 मिमी की शक्तिशाली स्मूथ बोर गन, 7.62 मिमी को-एक्सिल मशीन गन और 12.7 मिमी वायुयानरोधी गन से लैस है. यह टैंक लेजर गाइड मिसाइल को फायर करने और रात के समय 5 किलामीटर की परिधि में शत्रु के ठिकानों को तबाह करने में सक्षम है. यह जल में भी गतिमान है.
इसके बाद का दस्ता बीएमपी का था. ये दस्ता आयुधों और रात में युद्ध लड़ने की अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक उच्च सचल पैदल सेना वाहन है.
ब्रह्मोस ने किया रोमांचित
इसके बाद राजपथ पर ब्रह्मोस मिसाइल की पूरी प्रणाली दिखाई गई. दागो और भूलो के सिद्धांत पर चलने वाली ये मिसाइल 400 किलोमीटर की अपनी अधिकतम रेंज में दुश्मन के इलाके को भेदकर अचूक और विध्वंसक वार करने में सक्षम है.
पिनाका मल्टी लांचर रॉकेट प्रणाली
राजपथ पर अगला दस्ता मल्टी लांचर राकेट प्रणाली का है. भगवान शिव के धनुष के नाम पर बना ये रॉकेट बहुत कम समय में बड़े इलाके को तबाह कर सकती है.
पुल बनाने वाला टैंक टी-72
टैंक-72 विशेष रूप से बनाया गया एक खास यंत्र है जिसके बुर्ज व शस्त्र उतारकर टैंक-72 की चेसिज में फिट किया जाता है. यह 20 मीटर के तैयार पुल लेकर जाता है और इसमें निर्मित उपकरण और प्रणाली हैं जो खाई, सीधी ढलान, टैंक-रोधी खाई के ऊपर या प्राकृतिक आपदा के दौरान आगे बढ़ रही लड़ाकू सेना के लिए रास्ता बनाने हेतु प्रयोग में लाई जाती है.
#RepublicDay: Flt Lt Bhawna Kanth, one of the first three female fighter pilots of the country, is part of the Indian Air Force tableau at the Republic Day parade pic.twitter.com/60JSBMVtvZ
— ANI (@ANI) January 26, 2021
खुफिया प्रणाली की झलक
राजपथ पर समविजय इलेक्ट्रानिक वारफेयर सिस्टम को प्रदर्शित किया गया. इस प्रणाली दुश्मन की अति गोपनीय सूचनाओं को हासिल करने में सहायता करती है. इसके अलावा यहां शिल्का हथियार प्रणाली को भी दिखाया गया. शिल्का हथियार प्रणाली आधुनिक रेडार और डिजिटल फायर कंप्यूटर से लैस है और लो लेवल एयर डिफेंस के लिए सभी हालातों में लक्ष्य को साधते हुए दुश्मन को तबाह करने में सक्षम है.
गणतंत्र दिवस परेड पर अगली बारी हल्के हेलिकॉप्टरों के प्रदर्शन की रही. इस दौरान यहा रूद्र और आर्मी दो हेलिकॉप्टरों ने डायमंड फॉरमेशन तैयार किया.
बलिष्ठ जाट रेजिमेंट की मौजूदगी
राजपथ पर अब बारी सेना के रेजिमेंट की थी. सबसे पहले बलिष्ठ जाट रेजिमेंट का दस्ता अपनी उपस्थिति दर्ज करवाया, जाट रेजिमेंट का इतिहास 1795 से आरंभ होता है जब कलकत्ता मिलिशिया की स्थापना हुई और 1859 में ये नियमित इंफैंट्री बटालियन में बदल गई.
The ‘Trinetra’ formation comprising of three Su-30MKIs - the three aircraft split outwards and upwards, forming a ‘Trishul in the Sky’. The formation is led by Gp Capt AK Misra. Commanding Officer of 15 Squadron with Sqn Ldr RC Kulkarni. #RepublicDay pic.twitter.com/82BwnSt8Xv
— ANI (@ANI) January 26, 2021
गढ़वाल राइफल्स
राजपथ पर लोगों ने गढ़वाल राइफल्स का शौर्य देखा. इस रेजिमेंट ने दोनों विश्व युद़्धों के दौरान विभिन्न थियेटरों में कई ऑपरेशनों में भाग लिया और इसे कई नामी युद्ध सम्मानों के साथ-साथ 03 विक्टोरिया क्रॉस से भी सम्मानित किया गया.
महार रेजिमेंट
महार रेजिमेंट ने भी राजपथ पर देश को अपने गौरवपूर्ण इतिहास की याद दिलाई. डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अथक प्रयासों के फलस्वरूप बेलगाम में 01 अक्टूबर 1941 को महार रेजिमेंट का गठन हुआ था.
इसके बाद सिख रेजिमेंटल सेंटर, असम रेजिमेंटल सेंटर, जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर के 68 बैंडवादकों का संयुक्त दस्ता राजपथ से गुजरा.
राजपथ पर जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट, बंगाल सैपर्स का दस्ता वहां से गुजरा.
इसके बाद मद्रास रेजिमेंट, नौसेना, वायुसेना, डीआरडीओ का दस्ता राजपथ पर अपने शौर्य से लोगों को रोमांचित कर गया.
डीआरडीओ की एटीजीएम झांकी में नाग, हेलिना, एमपीएटीजीएम, एसएएनटी, और लेजर गाइडेड एटीजीएम मिसाइलों के पूरे मॉडल दिखाए गए.
अर्द्धसैनिक बलों में भारतीय तटरक्षक बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, आईटीबीपी का मार्चिंग दस्ता राजपथ पर गुजरा.
देश की राजधानी दिल्ली की सुरक्षा करने वाली दिल्ली पुलिस का बैंड भी राजपथ पर लोगों को मोहित किया. दिल्ली पुलिस का दस्ता 1950 से लेकर आजतक लगातार गणतंत्र दिवस परेड में भाग ले रहा है.
इसके बाद सीमा सुरक्षा बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड यानी कि ब्लैक कैट कमांडोज का दस्ता भी लोगों के सामने राजपथ पर गुजरा.
इसके अलावा एनसीसी, राष्ट्रीय सेवा योजना, सामूहिक पाइप एवं ड्रम बैंड का दस्ता भी राजपथ पर लोगों को सम्मोहित कर गया.
बाद में चिनूक, अपाचे, मिग, ग्लोबमास्टर, राफेल जैसे मारक और घातक विमानों ने अपने परफॉर्मेंस लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.