देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में समारोह को लेकर सभी तैयारियां कर ली गई हैं. हालांकि, इस साल कोहरे के मद्देनजर परेड और फ्लाईपास्ट प्रदर्शन राजपथ पर आधा घंटा देर से यानी सुबह 10:30 बजे शुरू होगा. हर साल यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे से शुरू होता था. वहीं, कोरोना महामारी के कारण पिछली साल की तरह इस बार भी कोई विदेशी मुख्य अतिथि नहीं आएगा. आइए, जानते हैं कि इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह में क्या-क्या खास होगा..
इस राष्ट्रीय आयोजन में पहली बार भारतीय वायु सेना के 75 विमानों का भव्य फ्लाई-पास्ट किया जाएगा, साथ ही प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से चयनित 480 प्रतियोगी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे. वहीं, समारोह स्थल पर दूर बैठे लोगों को कार्यक्रम दिखाने के लिए हर 75 मीटर की दूरी पर 10 बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी.
परेड में सिर्फ वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुके वयस्कों, एक डोज लगवाने वाले 15 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. सोशल डिस्टेंसिंग के सभी नियमों का पालन किया जाएगा और मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. कोरोना की वजह से इस बार दर्शकों की संख्या भी काफी सीमित कर दी गई है. सिर्फ 5 से 8 हजार दर्शकों को ही शामिल होने की इजाजत इस बार दी गई है. पिछले साल 25 हजार लोगों ने परेड देखी थी.
इस बार परेड रूट को भी छोटा किया गया है. पहले रूट 8.3 किलोमीटर होता था जो अब घटकर 3.3 किलोमीटर ही रह गया है. हालांकि, 5 किलोमीटर का रूट कम होने के बावजूद परेड की झांकियां लाल किले पर जाकर ही खत्म होंगी. इस बार परेड में कोई भी विदेशी मेहमान मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं होंगे. सरकार ने पांच मध्य एशियाई देशों के राष्ट्राध्यक्षों को निमंत्रण भेजा था. लेकिन कोरोना की वजह से इसे रद्द कर दिया गया है.
खास बात यह है कि इस बार के इस राष्ट्रीय समारोह में समाज के उन तबकों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, जिन्हें आमतौर पर परेड देखने को नहीं मिलती है. ऑटो-रिक्शा चालकों, श्रमिकों, सफाई कर्मचारियों और फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर्स के कुछ वर्गों को गणतंत्र दिवस परेड के साथ-साथ 'बीटिंग द रिट्रीट' समारोह देखने के लिए आमंत्रित किया गया है.
राजपथ पर दिखेंगी ये खास चीजें:-
- 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों में इस्तेमाल किए गए हथियारों और उपकरणों को दिखाया जाएगा.
- पुराने बख्तरबंद वाहन और तोपखाने समेत पिछले दशकों में भारतीय सेना के लड़े गए युद्धों का प्रतीक होंगे.
- पुराने उपकरणों, हथियारों और तकनीक की जगह लेने वाली नई चीजों का प्रदर्शन भी किया जाएगा.
- इस बार की परेड गणतंत्र के जश्न और आजादी के अमृत महोत्सव का अनूठा संगम होगा.