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गणतंत्र दिवसः कर्तव्यपथ पर दिखेगा पहले पैसेंजर ड्रोन का जादू, एक आदमी कर सकेगा सवारी

गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार कर्तव्यपथ पर भारत में बना पहला पैसेंजर ड्रोन भी अपना जादू बिखेरेगा. यह ड्रोन 130 किलोग्राम वजन को लेकर उड़ सकता है. इस ड्रोन में एक व्यक्ति सवारी कर सकेगा.

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गणतंत्र दिवस के मौके पर पहले पैसेंजर ड्रोन को प्रदर्शित किया जाएगा
गणतंत्र दिवस के मौके पर पहले पैसेंजर ड्रोन को प्रदर्शित किया जाएगा

26 जनवरी को लेकर कर्तव्यपथ पर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. इसमें कई राज्यों की झांकियां शामिल होंगी. साथ ही वायुसेना के 50 विमान पराक्रम दिखाएंगे. लेकिन गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार एक अनोखी चीज भी नजर आने वाली है. 

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जानकारी के मुताबिक कर्तव्यपथ पर भारत के पहले पैसेंजर ड्रोन का जादू भी दिखेगा. इस पैसेंजर ड्रोन को वरुणा का नाम दिया गया है. इसे पुणे के सागर डिफेंस इंजीनियरिंग की ओर से बनाया गया है.

पैसेंजर ड्रोन वरुणा कुछ समय पहले भारतीय नौसेना ने नई दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में वरुणा का प्रदर्शन किया था. जानकारी के मुताबिक इस पैसेंजर ड्रोन में एक व्यक्ति सवारी कर सकता है. ये पैसेंजर ड्रोन 130 किलोग्राम वजन के साथ करीब 25 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. एक बार उड़ान भरने के बाद वरुणा ड्रोन 25-33 मिनट तक हवा में रह सकता है.

सागर डिफेंस इंजीनियरिंग के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक कैप्टन निकुंज पराशर ने कहा कि पैसेंजर ड्रोन वरुणा को नेवी की 'मेक इन इंडिया' पहल के रूप में गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल करना हमारे लिए गर्व की बात है.

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कैप्टन निकुंज पाराशर ने कहा कि वरुणा ड्रोन का मुख्य लक्ष्य एक स्वदेशी तकनीक को डवलप करना है. इसका उपयोग युद्ध के मैदान में अग्रिम पंक्ति के सैनिकों की सुरक्षा और राष्ट्रीय निगरानी और सुरक्षा में सुधार के लिए किया जा सकता है.

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