आज राजपथ पर सिर्फ सेना के शौर्य का नहीं बल्कि भारत की कूटनीतिक कदम भी देखने को मिलेगी. राजपथ आज सैनिकों का ऐसा जत्था मार्च करेगा जो हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश का है. राजपथ पर इस गौरव को हासिल करने वाले बहुत कम ही देश हैं जिन्हें भारत की सेना के साथ कदमताल करने का मौका मिला है.
सवाल है कि इस साल बांग्लादेश की सेना राजपथ पर भारत के राष्ट्रपति को सलामी क्यों देगी? इसका जवाब हम आपको बताते हैं.
आपको याद होगा 1971 में कैसे भारत के नेतृत्व ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे. इस साल इस भारतीय कूटनीतिक कामयाबी के 50 साल पूरे हो गए हैं. इसी मौके पर आज बांग्लादेश की सेना की एक टुकड़ी दिल्ली में राजपथ पर परेड में शामिल हो रही है.
भारत ने बांग्लादेश की मुक्ति का संकल्प यूं ही नहीं लिया था. पूर्वी पाकिस्तान यानी कि अब के बांग्लादेश में पाकिस्तान की सेनाओं को जुल्म बेइंतहा बढ़ गया था तब भारत की सेना ने इसमें दखल दिया और पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए. इसके बाद दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश का उदय हुआ, बांग्लादेश अपनी आजादी की 50वीं वर्षगांठ मना रहा है, इस मौके पर भारत के सम्मान में बांग्लादेश की सेना राजपथ पर अपना मार्च निकाल रही है.
इंडियन आर्मी के साथ बांग्लादेश की सेनाओं का कदम ताल
आज बांग्लादेश के 122 सैनिक राजपथ पर भारतीय सैनिकों के साथ-साथ कदमताल करेंगे तो दिल्ली से दूर चीन और पाकिस्तान में दुश्मनों के दिल थर्राएंगे.
इस दस्ते की अगुवाई बांग्लादेश सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल अबु मोहम्मद शाहनूर शावोन और उनके डिप्टी लेफ्टिनेंट फरहान इशराक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिबत रहमान कर रहे हैं. इस दस्ते में बांग्लादेश की थल सेना, नौसेना और वायुसेना के जवान शामिल हैं.
भारत और बांग्लादेश की इस जुगलबंदी से पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है. बांग्लादेश और भारत की दोस्ती और इस नई केमेस्ट्री की तस्वीरों ने कूटनीति की भाषा में दुश्मन मुल्क की पिटाई कर दी.
बांग्लादेश के अलावा अब तक ये सम्मान यानी कि राजपथ भारतीय सैनिकों के साथ कदमताल करने का गौरव मात्र दो और देशों को हासिल हुआ है.
अबतक मात्र दो देशों की सेनाओं को मिला है ये गौरव
2016 में फ्रांस की सेना के 35वीं इंफेट्री रेजिमेंट के जवान 26 जनवरी की परेड में शामिल हुए थे. इस रेजिमेंट में फ्रेंच आर्मी की बैंड के सदस्य भी शामिल थे. बता दें कि 1950 में गणतंत्र दिवस का परेड शुरू होने के बाद ये पहला मौका था कि राजपथ पर एक दूसरे देश की सेना परेड में शामिल हो रही थी.
2017 में राजपथ पर इंडियन आर्मी के साथ कदमताल करने का गौरव संयुक्त अरब अमीरात की सेना को हासिल हुआ. इस साल यूएई के प्रेसिडेंशियल गार्ड के 149 सदस्य और यूएई आर्म्ड फोर्सेज बैंड के 35 सदस्य परेड में शामिल हुए थे.
4 साल के बाद ये गौरव अब बांग्लादेश की सेना को हासिल हो रहा है.