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पहली बार राजपथ पर लद्दाख की झांकी, जानें क्या-क्या नया है इस बार

कोरोना के कारण परेड के रूट में कमी तो हुई है, लेकिन झांकियों की भव्यता बनी रहेगी. पहली बार राजपथ पर राम मंदिर का दीदार होगा. पहली बार लद्दाख की संस्कृति की झलक भी दिखेगी.

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राजपथ पर लद्दाख की झांकी
राजपथ पर लद्दाख की झांकी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजपथ पर अयोध्या के राममंदिर की भी दिखेगी झांकी
  • पहली बार लद्दाख की संस्कृति की भी दिखेगी अलग पहचान

देश आज 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. आज 26 जनवरी के मौके पर एक बार फिर देश का दमखम दिखेगा, लेकिन कोरोना काल में गणतंत्र दिवस का जश्न बदला-बदला है. राजपथ पर दर्शक कम होंगे, परेड भी छोटी होगी, लेकिन भारत के शौर्य और पराक्रम की गर्जना पूरी दुनिया सुनने वाली है.

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कोरोना के कारण परेड के रूट में कमी तो हुई है, लेकिन झांकियों की भव्यता बनी रहेगी. पहली बार राजपथ पर राम मंदिर का दीदार होगा. पहली बार लद्दाख की संस्कृति की झलक भी दिखेगी. राजपथ पर उत्तरप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की झांकी में राम मंदिर का मॉडल दर्शाया जाएगा. 

यूपी की झांकी के पहले भाग में महर्षि वाल्मिकी को रामायण की रचना करते दिखाया जाएगा, मध्य भाग में राम मंदिर का मॉडल होगा. पहली बार राजपथ पर भगवान राम की झांकी निकलेगी. वही गुजरात की झांकी में मोढेरा के सूर्य मंदिर को दर्शाया जाएगा. ये मंदिर मेहसाणा जिले का प्राचीन मंदिर है, जिसे 1026 में चालुक्य राजवंश के राजा भीम ने बनवाया था. 

 

तमिलनाडु की झांकी में पलल्व राजवंश के प्रसिद्ध समुद्रतटीय मंदिर को दर्शाया जाएगा. यानी राजपथ पर शक्ति के साथ-साथ
भक्ति का भी प्रदर्शन होगा. उत्तराखंड यानी देवभूमि की झांकी में केदारखंड को दर्शाया जाएगा, जिसमें केदरानाथ धाम के दर्शन राजपथ पर लोगों कर सकेंगे.

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ये पहली बार होगा कि लद्दाख की झांकी राजपथ पर दिखेंगे तो दूसरे राज्यों की झांकियों में आपको सास्कृतिक विरासत का दीदार होगा.

 

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