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गणतंत्र दिवस परेड में महाकुंभ, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, लखपति दीदी समेत शामिल होंगी 31 झांकियां

गणतंत्र दिवस परेड में 31 झांकियों ने भारत की सांस्कृतिक विविधता और आधुनिक प्रगति का शानदार प्रदर्शन किया जाएगा. उत्तर प्रदेश की तरफ से महाकुंभ, गुजरात की तरफ से औद्योगिक इनोवेशन और ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से 'लखपति दीदी' की सफलता पेश की जाएगी.

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महाकुंभ (उत्तर प्रदेश), स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (गुजरात), लखपति दीदी (ग्रामीण विकास मंत्रालय)
महाकुंभ (उत्तर प्रदेश), स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (गुजरात), लखपति दीदी (ग्रामीण विकास मंत्रालय)

गणतंत्र दिवस परेड में भारत की विविधता में एकता जीवंत होगी, जब 31 सुंदर ढंग से तैयार की गई झांकियां कर्त्तव्य पथ की शोभा बढ़ाएंगी. इनमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 16 और मंत्रालयों और विभागों की 10 झांकियां शामिल हैं. प्रत्येक झांकी भारत की सांस्कृतिक विरासत और उपलब्धियों को दर्शाती हैं.

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मुख्य आकर्षणों में उत्तर प्रदेश का महाकुंभ, गुजरात की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और औद्योगिक प्रगति, और ग्रामीण विकास मंत्रालय का "लखपति दीदी" जैसी झांकियां शामिल हैं.

उत्तर प्रदेश: महाकुंभ और आध्यात्मिक विरासत

उत्तर प्रदेश की झांकी दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समारोहों में से एक महाकुंभ की आध्यात्मिक भव्यता को दर्शाती है. डिजाइन में दिव्य अमृत और ज्ञान की खोज का प्रतीक पौराणिक समुद्र मंथन (समुद्र मंथन) शामिल है. इसमें गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के पवित्र संगम, संगम में पवित्र डुबकी लगाते हुए ऋषियों को भी दर्शाया गया है. यह झांकी गंगा की गहरी आध्यात्मिक ऊर्जा को दर्शाती है, जो महाकुंभ के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर जोर देती है.

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गुजरात: प्रोग्रेस एंड इनोवेशन

गुजरात की झांकी राज्य के ऐतिहासिक गौरव का सम्मान करते हुए राज्य की औद्योगिक और टेक प्रोग्रेस को दर्शाती है. इसका मुख्य आकर्षण दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है, जो सरदार वल्लभभाई पटेल की याद में बनाई गई है.

इनके अलावा, गुजरात सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस, खासकर सी-295 विमान के उत्पादन समेत अत्याधुनिक उद्योगों में अपने योगदान को प्रदर्शित करता है. यह झांकी परंपरा और आधुनिकता को दर्शाती है, जो भारत के विकास में गुजरात की अहम भूमिका का प्रतीक है.

ग्रामीण विकास मंत्रालय: लखपति दीदी

ग्रामीण विकास मंत्रालय "लखपति दीदी" का जश्न मनाते हुए एक दिल को छू लेने वाली झांकी पेश करता है, यह शब्द ग्रामीण महिलाओं का प्रतिनिधित्व करता है जिन्होंने खुद सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से वित्तीय स्वतंत्रता हासिल की.

झांकी में हस्तशिल्प, डेयरी फार्मिंग और लघु उद्योग जैसी विभिन्न एसएचजी गतिविधियों पर जोर डाला गया है. यह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी सरकारी पहलों की सफलता को दर्शाता है, जिसने महिला उद्यमियों को सशक्त बनाया है और ग्रामीण विकास में अहम योगदान दिया है. यह झांकी जमीनी स्तर के प्रयासों और महिला सशक्तिकरण की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रतीक है.

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सांस्कृतिक विविधता और आधुनिक उपलब्धियों का प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश, गुजरात और ग्रामीण विकास मंत्रालय के अलावा, कई अन्य राज्य और मंत्रालय भारत की विविधता और प्रगति को प्रदर्शित करने के लिए हिस्सा ले रहे हैं.

राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, गोवा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा जैसे राज्यों ने अपनी अनूठी विरासत और सांस्कृतिक परंपराओं को दर्शाती जीवंत झांकी बनाई है.

तकनीकी और रक्षा उपलब्धियां: मंत्रालयों ने रक्षा, ग्रामीण विकास और सेमीकंडक्टर जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में प्रमुख प्रगति को उजागर किया है. ये वैश्विक मंच पर एक ऊंचाई हासिल करते भारत की आकांक्षाओं को दर्शाता है.

परेड के बाद प्रदर्शनी: भारत पर्व

गणतंत्र दिवस परेड के बाद, भारत पर्व के हिस्से के रूप में लाल किले पर झांकी का प्रदर्शन किया जाएगा, जो जनवरी के आखिरी सप्ताह तक चलेगा. टूरिस्ट्स इन शानदार कृतियों को करीब से देख सकेंगे.

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