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समलैंगिक विवाह के फैसले की पुनर्विचार याचिकाओं पर खुली अदालत में होगी सुनवाई! जानें- क्या बोले CJI चंद्रचूड़

मुकुल रोहतगी ने कहा कि संविधान पीठ के सभी जज इस पर एकमत थे कि समलैंगिक कपल के साथ समाज में भेदभाव हो रहा है. ऐसे में जब कोर्ट उनके साथ भेदभाव की बात को मान रहा है, तो उनके लिए राहत का रास्ता भी खोजना होगा. ये बड़ी तादाद में लोगों की ज़िंदगी से जुड़ा मसला है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई गई. सुप्रीम कोर्ट से खुली अदालत में सुनवाई की मांग पर CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्होंने याचिकाएं देखी नहीं हैं, वो उन्हें देखने के बाद सुनवाई तय करने पर विचार करेंगे.

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समलैंगिक विवाह पर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर दाखिल समीक्षा याचिकाओं पर सुनवाई ओपन कोर्ट में किए जाने की मांग गुरुवार को कोर्ट की कार्यवाही शुरू होते ही CJI की अगुवाई वाली बेंच के सामने उठाई गई.

CJI की बेंच के सामने वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने मामले को उठाते हुए कोर्ट से इस मामले पर दाखिल समीक्षा याचिका पर सुनवाई ओपन कोर्ट मे करने का आग्रह करते हुए कहा कि इस मामले पर सुनवाई 28 नवंबर को तय है. ऐसे में इसे सुनवाई की सूची से हटाया न जाए. 

इस मामले पर CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि हम इसको देखेंगे. याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने ये मामला उठाया. उन्होंने कहा कि ये याचिकाएं 28 नवंबर को सुनवाई के लिए लगी हैं. कोर्ट ये सुनिश्चित करें कि उस दिन ये मामला सुनवाई की लिस्ट से डिलीट न हो.

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मुकुल रोहतगी ने कहा कि संविधान पीठ के सभी जज इस पर एकमत थे कि समलैंगिक कपल के साथ समाज में भेदभाव हो रहा है. ऐसे में जब कोर्ट उनके साथ भेदभाव की बात को मान रहा है, तो उनके लिए राहत का रास्ता भी खोजना होगा. ये बड़ी तादाद में लोगों की ज़िंदगी से जुड़ा मसला है. इसलिए हम चाहते हैं कि पुनर्विचार याचिकाओं पर बंद चैंबर की बजाए ओपन कोर्ट में सुनवाई हो. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम याचिकाएं देखकर फैसला लेंगे.

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