मृतक आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर के माता-पिता ने गुरुवार को कहा कि वे मामले में न्याय की मांग को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखेंगे. राष्ट्रपति को पत्र लिखने का उनका फैसला गुरुवार शाम को राजभवन में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के साथ बैठक के बाद आया.
मृतक डॉक्टर की मां ने बैठक के बाद कहा, "हम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए एक ईमेल भेजेंगे. अगर वह हमें मिलने का समय देती हैं, तो हम न्याय की मांग के लिए उनसे जरूर मिलेंगे."
राज्यपाल बोस के साथ अपनी चर्चा के बारे में उन्होंने कहा, "हमारे पास कई सवाल थे, और उन्होंने हमारी बात सुनी. उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वह राष्ट्रपति से बात करेंगे और हमें उन्हें पत्र लिखने के लिए प्रोत्साहित किया. हमने उन्हें सीबीआई जांच के संबंध में एक पत्र दिया है और उन्होंने हमें मामले की जांच करने का आश्वासन दिया है."
पीड़िता के पिता ने कहा कि बोस ने अपना ईमेल पता साझा किया और मामले से संबंधित प्रासंगिक दस्तावेज भेजने को कहा. उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा." उन्होंने कहा कि उन्होंने बोस को सीबीआई जांच के बारे में अपनी शिकायतों का विवरण देते हुए एक पत्र भी दिया है.
इससे पहले दिन में, भाजपा के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने माता-पिता से मुलाकात की और उन्हें सीबीआई के खिलाफ उनकी शिकायतों को "उचित अधिकारियों" तक पहुंचाने का आश्वासन दिया.
केंद्रीय मंत्री मजूमदार ने कोलकाता के बाहरी इलाके सोदेपुर में उनके आवास पर शोक संतप्त माता-पिता से मुलाकात की. माता-पिता ने मामले में सीबीआई की जांच के बारे में अपनी शिकायतों के बारे में मजूमदार को एक समान पत्र भी दिया था.
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मजूमदार ने कहा, "माता-पिता लगातार टीएमसी नेताओं के हमले का सामना कर रहे हैं, जिन्होंने राज्य प्रशासन के खिलाफ सवाल उठाते हुए अपमानजनक बयान दिए और न्याय के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी. मैंने उन्हें बिना किसी डर के अपना संघर्ष जारी रखने का आश्वासन दिया है."
मजूमदार ने कहा, "उन्होंने विशेष रूप से एक सीबीआई अधिकारी के बारे में चिंता जताई है, जिसमें जांच में अपर्याप्त प्रयासों का आरोप लगाया गया है." पीड़िता के पिता ने कहा कि परिवार ने मजूमदार से इस बात पर चर्चा की कि न्याय के लिए अपनी लड़ाई को कैसे आगे बढ़ाया जाए.
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी.
इस मामले में संजय रॉय नामक एक नागरिक स्वयंसेवक को अदालत ने दोषी ठहराया और उसे मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई. हालांकि, डॉक्टर के माता-पिता ने दावा किया कि जांच आधे-अधूरे मन से की गई और अपराध में शामिल अन्य दोषियों को बचाया गया.