आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ मामले में गिरफ्तार 88 आरोपियों को जमानत मिल गई है. सोमवार को सियालदह कोर्ट ने उन लोगों को जमानत दे दी है जिन्हें 14 अगस्त की रात आरजी कर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तोड़फोड़ करने के आरोप में कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था. बता दें कि 14 अगस्त की देर रात आरजी कर अस्पताल के बाहर भारी भीड़ इकट्ठा हुई थी. लोग जमकर नारेबाजी कर रहे थे. पुलिसकर्मी उन्हें समझा रहे थे. लेकिन अचानक भीड़ उग्र हो गई और अस्पताल में दाखिल हो गई. प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की थी और इमरजेंसी वार्ड को तहस-नहस कर दिया था.
अस्पताल में तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या कम थी जिसके कारण वह उग्र भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सकी. पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. इसमें कई लोग घायल हो गए थे. प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल परिसर में खड़ी गाड़ियों के साथ तोड़फोड़ की.
जानकारी के मुताबिक बड़ी संख्या में लोग अस्पताल के बाहर प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए थे. भीड़ उग्र हो गई और बैरिकेडिंग को तोड़कर भीतर घुस गई. भीड़ अस्पताल में तैनात पुलिस टीम पर हावी हो गई.
संजय रॉय के खिलाफ CBI ने दाखिल की चार्जशीट
CBI ने आरजी कर अस्पताल के रेप और मर्डर के मामले में सोमवार को संजय रॉय के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया. संजय रॉय पर 9 अगस्त को अस्पताल के अंदर एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर का आरोप लगाया गया है. कोलकाता की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने कहा कि स्थानीय पुलिस के साथ नागरिक स्वयंसेवक के रूप में काम करने वाले रॉय ने कथित तौर पर 9 अगस्त को अपराध किया, जब पीड़िता छुट्टी के दौरान अस्पताल के सेमिनार रूम में सोने गई थी.
महिला का अस्पताल के सेमिनार रूम के अंदर रेप किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. वह आधी रात के बाद अस्पताल में अपनी शिफ्ट के दौरान आराम करने के लिए कमरे में गई थी. अगली सुबह एक जूनियर डॉक्टर ने उसका शव बरामद किया. उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता का रेप किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. उसके पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर 25 आंतरिक और बाहरी चोट के निशान मिले.
सीसीटीवी फुटेज में संजय रॉय को 9 अगस्त को सुबह 4.03 बजे सेमिनार रूम में घुसते हुए देखा गया था. वह करीब आधे घंटे बाद कमरे से बाहर आया. कोलकाता पुलिस को घटनास्थल पर उस व्यक्ति के ब्लूटूथ हेडफोन भी मिले.
खुद को निर्दोष बताया
सीबीआई द्वारा मामले को अपने हाथ में लेने के बाद रॉय का लाई-डिटेक्टर टेस्ट किया गया, जिसमें उसने खुद को निर्दोष बताया. उसने दावा किया कि जब वह सेमिनार हॉल में दाखिल हुआ, तो महिला पहले से ही बेहोश थी. जब उससे पूछा गया कि उसने घटना के बारे में पुलिस को क्यों नहीं बताया, तो उसने कहा कि महिला को घायल अवस्था में देखकर वह घबरा गया था. सीबीआई ने कथित तौर पर कहा कि वह जांच में गुमराह करने की कोशिश कर रहा था. संजय रॉय ने यह भी दावा किया था कि उसे फंसाया जा रहा है.