उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की जाट नेताओं के बैठक के बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही जयंत चौधरी की आरएलडी को इशारों में ही बीजेपी गठबंधन में शामिल होने का ऑफर दे दिया.
अमित शाह के इस ऑफर के बाद जयंत चौधरी ने प्रतिक्रिया दी है. राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने ट्वीट किया, 'न्योता मुझे नहीं, उन +700 किसान परिवारों को दो जिनके घर आपने उजाड़ दिए.'
जानकारी के लिए बता दें कि पश्चिमी यूपी में जाट करीब 17 फीसदी है. यहां 45 से 50 सीट ऐसी हैं जहां जाट वोटर ही जीत-हार तय करते हैं, लेकिन करीब एक साल तक चले किसान आंदोलन के कारण जाट वोटर्स बीजेपी से दूर जा सकते हैं. यही कारण है कि अमित शाह ने बुधवार को जाट समुदाय के ढाई सौ से ज्यादा नेताओं को मुलाकात की. इस बैठक के बाद बीजेपी ने दावा किया कि जाट समुदाय हमेशा की तरह इस बार भी बीजेपी के साथ खड़ा है.
बैठक में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि जाट बिरादरी नहीं चाहती कि अखिलेश यादव सीएम बनें. वहीं, परवेश वर्मा ने कहा कि जयंत चौधरी ने गलत रास्ता चुना. उन्होंने कहा कि हम जयंत चौधरी का बीजेपी में स्वागत करना चाहते थे लेकिन उन्होंने गलत रास्ता चुना है. जाट समुदाय के लोग उनसे बात करेंगे. उनके लिए हमारा दरवाजा हमेशा खुला है.
जयंत ने गलत घर चुन लिया है...
जयंत चौधरी को लेकर अमित शाह ने कहा, “अगर सपा और आरएलडी की सरकार बनी तो अखिलेश की चलेगी आरएलडी की नहीं. आप लोग बड़े बुजुर्ग हो, कुछ भी हो बालियान के साथ मेरे घर पर आ जाना. मुझे डांट लेना पर वोट भाजपा को देना. मैं फिर कहता हूं कि जयंत ने गलत घर चुन लिया, अभी कुछ नहीं हो सकता. लेकिन 2024 के लिए उन्हें आप जरूर समझाइए. अगर झगड़ा है तो आपस में बैठकर सुलझा लेंगे, बाहर से किसी को क्यों बुलाना.”
जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे
वहीं, इस बैठक के बाद जाट समुदाय के एक नेता ने कहा कि गृहमंत्री ने उनसे बीजेपी को वोट देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि हमारी कोई नाराजगी नहीं है. हमने पहले भी भरपूर वोट बीजेपी को वोट दिए थे. जाट समाज 2013 को भूला नहीं है. जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे.