कोलकाता के सियालदाह स्टेशन पर रेलवे पुलिस ने तीन रोहिंग्या नागरिकों को गिरफ्तार किया. पुलिस सूत्रों के अनुसार इनमें से 2 नाबालिग लड़कियां और एक युवक शामिल है. शुक्रवार रात टिकट परीक्षक ने इन्हें सियालदाह स्टेशन के प्लेटफार्म पर संदिग्ध गतिविधियां करते हुए देखा. टिकट मांगने पर ये टिकट नहीं दिखा सके, जिसके बाद इन्हें आरपीएफ के हवाले कर दिया गया पूछताछ के बाद तीनों को जीआरपी के सुपुर्द कर दिया गया.
पूछताछ में पता चला कि तीनों आरोपी भारतीय नागरिक नहीं हैं. बाद में जानकारी मिली कि ये तीनों रोहिंग्या मुस्लिम हैं और अवैध रूप से भारत में दाखिल हो चुके हैं.
पुलिस के अनुसार 31 वर्षीय अब्दुल रहमान 5-6 साल पहले भारत में दाखिल हुआ थआ, वह कश्मीर में मजदूरी करता है. अब्दुल दो नाबालिग लड़कियों को कश्मीर ले जा रहा था, जिनकी उम्र 12 वर्ष के आसपास है. पुलिस को संदेह है कि आरोपी अब्दुल इन नाबालिगों को जम्मू-कश्मीर में तस्करी के उद्देश्य से ले जाया जा रहा था.
पुलिस की जांच में सामने आया है कि तीनों म्यांमार के रखाइन राज्य के भुशीडोम इलाके के निवासी हैं. इससे पहले वे बांग्लादेश के एडावालु शरणार्थी शिविर में रह रहे थे. पुलिस का कहना है कि इन नाबालिगों को काम दिलाने के नाम पर कश्मीर ले जाया जा रहा था और इस प्रक्रिया में पश्चिम बंगाल को एक कॉरिडोर की तरह इस्तेमाल किया गया था.
पुलिस के अनुसार ये लोग भारत-बांग्लादेश सीमा पार करके दाखिल हुए और ट्रेन के जरिए सियालदाह पहुंचे. पुलिस ये भी जांच कर रही है कि क्या इसके पीछे मानव तस्करी का कोई बड़ा रैकेट काम कर रहा है.
गिरफ्तार आरोपी अब्दुल रहमान से पूछताछ के जरिए पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह किसी तस्करी रैकेट का एजेंट है या नहीं. पुलिस ने नाबालिग लड़कियों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है, जबकि अब्दुल रहमान को पुलिस हिरासत में रखा गया है.