देश में लगातार हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं. कोरोनाकाल के बाद से इसमें काफी इजाफा देखा गया है. चिंता की बात ये है कि युवा भी हृदयघात के शिकार हो रहे हैं. अधिकतर केस में देखा जा रहा है कि पेशेंट हार्ट अटैक आने के बाद अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दे रहा है. सर्दियों के मौसम में यह परेशानी और बढ़ जाती है.
हार्ट अटैक आने के बाद मरीज को सबसे पहले जो इलाज मिलना चाहिए लोगों में उसकी जानकारी का भी अभाव है. दवाइयां कौन सी लेनी हैं, लोगों को नहीं पता. डॉक्टरों का मानना है कि हार्ट अटैक आने के ठीक बाद का समय पेशेंट के लिए सबसे अहम होता है. अगर उसे मौके पर ही प्राथमिक इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है.
कानपुर का एलपीएस कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा हार्ट अस्पताल है. वहां के डॉक्टर नीरज कुमार ने एक पहल की है, जिसके तहत उन्होंने मात्र ₹7 में एक 'राम किट' तैयार की गई है, जिसमें तीन दवाइयां हैं. हार्ट अटैक आते ही अगर मरीज इन तीनों दवाइयों का सेवन कर लेते हैं, तो उनकी जान बचाई जा सकती है.
₹7 की राम किट कर रही हार्ट अटैक का इलाज. उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े हार्ट हॉस्पिटल की पहल. देखिए ये पूरी रिपोर्ट.
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डॉक्टर नीरज कुमार ने आज तक को बताया कि 7 रुपये की किट में तीन दवाओं एकोस्प्रिन, सोर्बिट्रेट व रोसुवैस 20 टैबलेट रखे गए हैं. हार्ट अटैक आने पर इन दवाओं को देने से मरीज की जान बचने का चांस बहुत ज्यादा हो जाता है. उन्होंने कहा, 'इस मेडिसिन किट का नाम राम के नाम इसलिए रखा गया है ताकि लोगों को दवाइयों का नाम बताने में परेशानी ना हो'.
नीरज कुमार ने बताया कि दूसरा कारण यह है कि राम नाम में सभी की आस्था है, लोगों में एक विश्वास बंधता है. इसलिए हमने इसे राम किट का नाम दिया है. डॉक्टर नीरज कुमार एलपीएस कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल के मरीजों को दवाओं के साथ ही साइकोथेरेपी का इलाज भी दे रहे हैं. यहां हृदय रोग का इलाज कराने के लिए भर्ती मरीजों को धार्मिक पुस्तकें पढ़ने के लिए दी जाती हैं. ताकि उनका मन शांतचित हो सके.
नोट: एकोस्प्रिन, सोर्बिट्रेट, रोसुवैस या ऐसी कोई और भी दवा सब मरीजों पर एक जैसा रिएक्शन नहीं देती हैं. कृपया इस तरह की कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें.