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हिंदुओं को लेकर राहुल गांधी के बयान पर RSS और VHP का आया रिएक्शन, अवधेशानंद गिरी समेत साधु संतों ने की माफी की मांग

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को बीजेपी पर देश में हिंसा, नफरत और डर फैलाने का आरोप लगाया. राहुल का कहना था कि बीजेपी के नेता हिंदू नहीं हैं, क्योंकि ये 24 घंटे हिंसा और नफरत की बात करते हैं. राहुल की टिप्पणी का सत्ता पक्ष ने भारी विरोध किया.

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राहुल गांधी की टिप्पणी पर सुनील आंबेकर और अवधेशानंद गिरि ने प्रतिक्रिया दी है.
राहुल गांधी की टिप्पणी पर सुनील आंबेकर और अवधेशानंद गिरि ने प्रतिक्रिया दी है.

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की हिंदू को लेकर टिप्पणियों पर विवाद हो गया है. साधु-संतों से लेकर राष्ट्रीय स्वयं संघ और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े नेताओं ने भी राहुल गांधी को घेरा है और माफी मांगने की मांग की है.  बीजेपी का कहना है कि राहुल ने सदन में हिंदुओं का अपमान किया है.

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दरअसल, सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बीजेपी पर देश में हिंसा, नफरत और डर फैलाने का आरोप लगाया. राहुल का कहना था कि बीजेपी के नेता हिंदू नहीं हैं, क्योंकि ये 24 घंटे हिंसा और नफरत की बात करते हैं. राहुल की टिप्पणी का सत्ता पक्ष ने भारी विरोध किया. सबसे पहले सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपत्ति जताई और कहा, ये विषय बहुत गंभीर है. हिंदू को हिंसक कहना गलत है. हालांकि, बाद में राहुल की चार टिप्पणियां सदन की कार्यवाही से हटा दी गईं.

हिंदू संतों ने राहुल की टिप्पणी की निंदा की

कई हिंदू संतों ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बीजेपी पर 'हिंदू नहीं' वाले तंज की निंदा की और उनसे माफी की मांग की. जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने एक वीडियो संदेश में कहा, मैं उनकी बार-बार की गई टिप्पणी की निंदा करता हूं. स्वामी अवधेशानंद गिरि ने आरोप लगाया कि राहुल ने अपनी टिप्पणी से पूरे हिंदू समाज को 'कलंकित और अपमानित' किया है. गिरि का कहना था, वो एक माननीय संसद सदस्य और विपक्ष के नेता हैं. इसलिए उन्हें अपने शब्द वापस लेने चाहिए और माफी मांगनी चाहिए. उनकी टिप्पणियों से हिंदू समाज आहत हुआ है और संत समुदाय में भी गुस्सा है.

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स्वामी बालयोगी अरुण पुरी ने राहुल की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और माफी मांगने की मांग की. उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, राहुल गांधी की टिप्पणी बेहद अपमानजनक और निंदनीय है. हिंदू कभी हिंसक नहीं रहे.

वीएचपी ने क्या कहा...

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, वो (राहुल) विपक्ष के नेता के तौर पर पहली बार बोल रहे थे. कुछ इम्प्रेशन जमाना था. उन्होंने हिंदुत्व पर जो हिंसा के आरोप लगाए, वो सच नहीं है. दुनियाभर में हिंदुत्व सैन्य अभियानों से कभी नहीं फैला. साधु-संन्यासी बिना सेना और शस्त्र के जाते थे और बात करके, प्रेम से, करुणा से लोगों को समझाते थे और हिंदू बनाते थे. उन पर हिंसक होने के आरोप लगाना... मैं समझता हूं कि ये उनकी अल्पज्ञता है. मैं इसकी निंदा करता हूं. झूठे प्रचार से बचना चाहिए. जनता सत्य और असत्य को पहचानती है. सत्य किसी की गाली से दब नहीं सकता है.

आरएसएस ने कहा, ये कृत्य माफी योग्य नहीं

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा, संसद में जिम्मेदार और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों द्वारा हिंदुत्व को हिंसा से जोड़ना अत्यंत दुर्भाग्यजनक है. हिंदुत्व चाहे विवेकानंद का हो या गांधी का... वो सौहार्द और बंधुत्व का परिचायक है. हिंदुत्व के बारे में ऐसी प्रतिक्रिया ठीक नहीं है. आंबेकर ने कहा, राहुल गांधी जी को पूरे देश और दुनिया के हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए. विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति, सभ्यता और जीवनशैली यानी हिंदू को गाली देना दुर्भायपूर्ण है. राहुल गांधी का ये कृत्य माफी योग्य नहीं है. हिंदू, विश्व को एक परिवार मानता है और जीव-जंतु की पूजा करता है. हिंदू को हिंसा के साथ जोड़ना राहुल गांधी का मानसिक दिवालियापन है. देश जानता है कि कांग्रेस का इतिहास और कांग्रेस का हाथ निर्दोषों के खून से रंगे हैं. 1984 के दंगे में कांग्रेस किस मुद्रा में थी? सैकड़ों सिखों को जिंदा जला दिया गया. अयोध्या की गलियों को किसने लाल किया? सरयू को खून से किसने रंग दिया. सनातियों को गाली देना लगातार इंडिया गठबंधन की आदत बन गई है. वो भूल गए हैं कि 1990 में जम्मू कश्मीर के अंदर लाखों कश्मीरी पंडितों का विस्थापन कांग्रेस की गलतियों के कारण हुआ था.

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