प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वैटिकन सिटी पहुंचकर पोप फ्रांसिस से मुलाकात की. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने इस बैठक को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि एक राष्ट्राध्यक्ष का दूसरे राष्ट्राध्यक्ष से मिलना स्वाभाविक है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पोप फ्रांसिस की मुलाकात केवल 20 मिनट के लिए होनी थी, लेकिन यह करीब एक घंटे तक चली. बताया जा रहा है कि दोनों ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने और गरीबी को दूर करने सहित दुनिया को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई मुद्दों पर चर्चा की.
जब इस मुलाकात को लेकर आरएसएस के दत्तात्रेय होसबाले से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ''एक राष्ट्राध्यक्ष का दूसरे राष्ट्राध्यक्ष से मिलना स्वाभाविक है. वैटिकन मान्यता प्राप्त है. हम इस बैठक का स्वागत करते हैं क्योंकि हम 'वसुधैव कुटुम्बकम' (दुनिया एक परिवार है) में विश्वास करते हैं.''
It is natural for a head of State to meet another head of State. Vatican is a recognized State. We welcome this meeting because we believe in 'Vasudhaiva Kutumbakam' (the world is a family): RSS General Secretary Dattatreya Hosabale on PM's meeting with Pope Francis pic.twitter.com/gqssVhfgKy
— ANI (@ANI) October 30, 2021
वहीं, बैठक के बाद पीएम मोदी ने पोप को गले लगाते हुए उनकी तस्वीरों के साथ ट्वीट किया, "पोप फ्रांसिस के साथ बहुत गर्मजोशी से मुलाकात की. मुझे उनके साथ कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला और उन्हें भारत आने के लिए आमंत्रित भी किया.'' पीएम मोदी दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक संप्रदाय रोमन कैथोलिकों के प्रमुख के पास जाने वाले पांचवें भारतीय प्रधानमंत्री हैं.
ईसाई भारत में तीसरा सबसे बड़ा धार्मिक समुदाय है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार, हिंदुओं (79.8%) और मुसलमानों (14.2%) के बाद उनकी 2.3 प्रतिशत आबादी है. पीएम मोदी से पहले पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, आई के गुजराल और अटल बिहारी वाजपेयी ने भी वैटिकन में तत्कालीन पोप से मुलाकात की थी.