भारत में आज से कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई. इस बीच RTI एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कोरोना वैक्सीन की सुरक्षा व प्रभाव (Safety Efficacy) की जानकारी मांगी है. गोखले ने इससे पहले भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल (DCGI) से इस मसले पर जानकारी मांगी थी. लेकिन वहां से जवाब नहीं मिलने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया है.
दरअसल, हाल ही में साकेत गोखले ने DCGI से मांग की थी कि कोविड-19 वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव (Safety Efficacy) ट्रायल रिजल्ट से संबंधित सभी जानकारी को सार्वजनिक किया जाए. लेकिन DCGI से जवाब पाने में नाकाम रहने पर गोखले ने शनिवार को बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. गोखले द्वारा दायर याचिका में 'जानने का अधिकार' के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए अदालत के हस्तक्षेप की मांग की गई है.
याचिका में कहा गया कि एक ट्रायल वैक्सीन जिसने तीसरे चरण के ट्रायल को पूरा नहीं किया है, जैसा कि भारत बायोटेक के 'कोवैक्सिन' के मामले में है. ऐसे में इस टीके का प्रयोग जनता को नुकसान पहुंचा सकता है.
गोखले ने कहा कि ह्यूमन ट्रायल से संबंधित जानकारी सार्वजनिक डोमेन में प्रकाशित नहीं की गई है. केवल क्लीनिकल ट्रायल के बारे में जानकारी सार्वजनिक की गई. RTI एक्टिविस्ट ने आगे कहा है कि उनके द्वारा मांगी गई जानकारी "सार्वजनिक हित" के क्षेत्र में है, इसका आंतरिक या बाहरी सुरक्षा पर कोई असर नहीं होगा. याचिका में सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन का भी जिक्र किया गया है.
गौरतलब है कि देश भर में शनिवार को कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है. इसके बाद से सियासत भी शुरू हो गई. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि फेज-3 ट्रायल के बिना ही वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दिया गया. जिसपर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने जवाब दिया.