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रूबिया सईद ने अपहरण केस के आतंकियों को पहचानने से किया इनकार, 20 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होगा यासीन मलिक 

देश के पूर्व गृह मंत्री की बेटी रूबिया सईद ने कोर्ट के सामने कहा कि अपहरण में शामिल किसी भी आतंकी को मैं पहचान नहीं सकती. मैंने उस घटना के बाद कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक सामान्य जीवन जीने की कोशिश की. मुझे याद नहीं है कि मैंने जांच एजेंसी से पहले भी किसी आरोपी की पहचान की थी.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के गृह मंत्री रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद आज जम्मू की TADA कोर्ट में पेश हुईं. 1989 में अपने अपहरण मामले में कोर्ट के सामने पेश हुईं रूबिया ने कहा कि वो अपहरण में शामिल आरोपी आतंकवादियों की पहचान नहीं कर सकती हैं. रूबिया ने कहा कि वह कोर्ट में मौजूद किसी भी आरोपी को नहीं पहचानती हैं. 

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देश के पूर्व गृह मंत्री की बेटी रूबिया ने कोर्ट के सामने कहा कि मैंने उस घटना के बाद कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक सामान्य जीवन जीने की कोशिश की. मुझे याद नहीं है कि मैंने जांच एजेंसी से पहले भी किसी आरोपी की पहचान की थी. TADA कोर्ट में सुनवाई के दौरान आज यासीन मलिक को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था.  

रूबिया के पहचान करने से इनकार करने के बाद भी कोर्ट ने यासीन मलिक को पेश होने का समन जारी किया. यासीन मलिक को 20 अक्टूबर को कोर्ट के सामने हाजिर किया जाएगा. बता दें कि अभी यासीन मलिक दिल्ली की तिहाड़ जेल में टेरर फंडिंग के मामले में सजा काट रहा है.  

पहले यासीन को पहचान चुकी हैं रूबिया 

इससे पहले 15 जुलाई को रूबिया ने कोर्ट में जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक की पहचान अपहरणकर्ता के तौर पर की थी. अदालत में रुबिया ने बताया कि 1989 में यासीन मलिक और तीन लोगों के साथ मिलकर उनका अपहरण किया था. इस अपहण से पूरे देश में हड़कंप में मच गया था. रूबिया को छुड़ाने के लिए उस समय 5 आतंकवादियों को बदले में रिहा करना पड़ा था. 1990 से इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने इस मामले में रूबिया को गवाह बनाया था.   

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रूबिया को छुड़ाने के लिए सरकार ने झोंक दी थी पूरी ताकत 

जम्मू-कश्मीर में 90 के दशक में आतंकवाद अपने चरम पर था. उसी समय  तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद का अपहरण हो गया.  मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू-कश्मीर के बड़े नेता थे और वो बाद में मुख्यमंत्री भी बने. लेकिन 1989 में केंद्रीय गृहमंत्री की बेटी के अपहरण की खबर ने पूरे देश के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था. केंद्रीय गृहमंत्री की बेटी को छुड़ाने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी. बाद में रूबिया को छुड़ाने के लिए सरकार को 5 आंतकवादियों को छोड़ना पड़ा. इस पूरे कांड में जेकेएलएफ का सरगना यासीन मालिक मास्टरमाइंड था जो घाटी में अलगाववाद फैला रहा था. अब वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है.
 

 

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