हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा रविवार को किसानों को लेकर दिए गए एक बयान पर हरियाणा से लेकर पंजाब तक बवाल खड़ा हो गया है. मनोहर लाल खट्टर ने भाजपा किसान मोर्चा को समानांतर किसान संगठन खड़े करके लठ का जवाब लठ से देने की सलाह दी थी. खट्टर के इस बयान से किसान संगठन नाराज हो गए. इतना ही नहीं खट्टर इस बयान के बाद विपक्षी पार्टियों को निशाने पर भी आ गए.
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने तो राजभवन के बाहर प्रदर्शन करके मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की. अकाली दल के महासचिव और प्रवक्ता डॉ दिलजीत सिंह चीमा ने मनोहर लाल खट्टर से विवादित बयान वापस लेने और किसानों से माफी मांगने की मांग की है. चीमा ने कहा है कि मनोहर लाल खट्टर के बयान से हिंसा भड़क सकती है.
'खट्टर का बयान उकसाने वाला'
चीमा ने कहा, ''खट्टर साहब की जो वीडियो वायरल हुई है, वह बहुत ज्यादा उकसाने वाली है. उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री जैसे पद पर रहने वाले व्यक्ति को ऐसी बातें शोभा नहीं देतीं. वे अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को उकसा रहे हैं. यह खुलेआम हिंसा फलाने वाला काम है. उनका उत्तरदायित्व बनता है कि वह अपने कार्यकर्ताओं को शांत रहने के लिए कहें.
आप ने भी की आलोचना
आम आदमी पार्टी ने भी मनोहर लाल खट्टर के बयान की निंदा की. नेता विपक्ष और आप विधायक हरपाल चीमा ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री के इस बयान से भाजपा का असली चेहरा उजागर हुआ है. हरपाल चीमा ने कहा, हरियाणा के मुख्यमंत्री के बयान से लगता है कि भाजपा के नेता हमेशा हिंसा की बात करते हैं. हमेशा लोगों को एक दूसरे से लड़ाने की बात करते हैं. लोगों को तोड़ने का काम करते हैं. लखीमपुर खीरी की घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी का किसान विरोधी चेहरा उजागर हुआ है.