इंडिया टुडे के इस डिबेट कार्यक्रम में दिलीप घोष के अलावा टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार सीपीएम नेता फुहाद हलीम और कांग्रेस नेता पवन खेरा भी शामिल थे. इसी दौरान बहस में शामिल दिलीप घोष ने कहा कि राम राजा थे और राम के 14 पूर्वजों का हमें पता है, लेकिन दुर्गा के पूर्वजों का कोई अता पता नहीं है. दिलीप घोष ने जैसे ही यह बयान दिया काकोली घोष दस्तीदार ने पलटवार करते हुए इसे देवी दुर्गा का अपमान बताया.
काकोली ने कहा की दिलीप घोष की इस बात से उनको बड़ा आश्चर्य हुआ कि कैसे कोई देवी दुर्गा का अपमान कर सकता है. तृणमूल कांग्रेस ने दिलीप घोष के इस बयान को राजनीतिक मुद्दा बना लिया है. टीएमसी नेताओं की ओर से लगातार इस मुद्दे को तूल दिया जा रहा है ट्वीट किया जा रहा हैं.
डिबेट के दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा की टीएमसी हमेशा धर्म और राजनीति को एक करने का काम करती है. इसी बंगाल में दुर्गा पूजा करने के लिए हमें कोर्ट में जाना पड़ता है, क्योंकि मुहर्रम की वजह से दुर्गा विसर्जन रोक दिया जाता है. बंगाल के हर घर में राम की पूजा शुरू से होती रही है. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की ओर से तुरंत ट्वीट किया गया कि दिलीप घोष ने हमारी मां दुर्गा का अपमान किया है. दुर्गा हमारी मां हैं. हमारी ताकत हैं. हमारी प्रेरणा हैं. जो लोग खुद को हिंदू धर्म का रक्षक और समर्थक बताते हैं वही उनका अपमान कर रहे हैं. टीएमसी की ओर से सोशल मीडिया पर दिलीप घोष की वीडियो क्लिप को दिखाकर अभियान चलाया जा रहा है, कि बीजेपी ने मां दुर्गा का अपमान किया है.
शुरू हुए प्रदर्शन
इसी बीच पश्चिम बंगाल में जगह-जगह बीजेपी के विरोध में प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं. आसनसोल के कुलटी में टीएमसी की ओर दिलीप घोष का पुतला जलाया गया. दरअसल पश्चिम बंगाल में जब बीजेपी ने राम के नाम को राजनीतिक नारा बनाया, तब इसकी काट के लिए टीएमसी की ओर से दुर्गा के नाम को सामने लाया गया. खुद ममता बनर्जी और टीएमसी के कई आला नेताओं ने कई बार कहा है कि जय श्रीराम बंगाल की संस्कृति नहीं है. बंगाल में दुर्गा की संस्कृति का चलन है. यही वजह है कि इस बार बंगाल के चुनावी दंगल में राम और दुर्गा के नाम पर वोट खींचने की कोशिश शुरू हो गई है. (रिपोर्ट- अनुपम मिश्र)