Russia Ukraine News: यूक्रेन-रूस युद्ध पर वैसे तो भारत ने न्यूट्रल रुख अपनाया हुआ है, लेकिन जंग को खत्म करने के प्रयासों में भारत ने कमी नहीं छोड़ी है. युद्ध के बीच अब भारत में गहमागहमी बढ़ी हुई है. इसके पीछे दुनियाभर के अहम लोगों का दिल्ली आना है. बता दें कि रूसी विदेश मंत्री, अमेरिकी डिप्टी एनएसए और ब्रिटिश विदेश मंत्री तीनों इस वक्त दिल्ली में मौजूद हैं. वैसे तो तीनों अलग-अलग काम से भारत आए हैं. लेकिन यहां फोकस यूक्रेन-रूस युद्ध पर भी जाएगा यह तय है.
सबसे पहले बात करते हैं रूसी विदेश मंत्री की. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) गुरुवार को दो दिन के भारत दौरे पर आए हैं. यूक्रेन पर हमले के बाद उनका यह पहला भारत दौरा है. Sergey Lavrov आज विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिले. आज ही वह पीएम मोदी से भी मिलेंगे. जानकारी के मुताबिक, मीटिंग में रूस से सस्ते कच्चे तेल की खरीद, S-400 मिसाइल सिस्टम सहित विभिन्न मिलिट्री साजो-सामान की वक्त पर डिलिवरी आदि पर बात होगी.
Welcomed Russian FM Sergey Lavrov in Hyderabad House.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) April 1, 2022
Look forward to our conversation today. pic.twitter.com/bc9qrO2TxD
अमेरिका के अधिकारी भी भारत में, चेतावनी का मिला कड़ा जवाब
सर्गेई लावरोव का यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब रूस के दुश्मन माने जाने वाले अमेरिका के सीनियर अधिकारी भी भारत में हैं. बता दें कि यूएस के डिप्टी NSA (National Security Adviser) दलीप सिंह (Daleep Singh) भी इस वक्त भारत में हैं. दलीप सिंह ने भारत को चेतावनी भी दी है, जिसका भारत ने कड़ा जवाब भी दिया है. दलीप सिंह ने कहा है कि रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाले देशों को भी गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका नहीं चाहेगा कि भारत के ऊर्जा और दूसरी चीजों के आयात में रूस की हिस्सेदारी बढ़े.
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अमेरिकी डिप्टी एनएसए यहीं नहीं रुके. उन्होंने ये भी कहा कि भारत को इस बात की उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए कि अगर चीन ने कभी LAC पर उल्लंघन किया तो रूस उसके बचाव में आएगा.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे सैयद अकबरुद्दीन (Syed Akbaruddin) ने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने पर अमेरिकी डिप्टी एनएसए की आलोचना की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'तो ये हमारा दोस्त है. ये कूटनीति की भाषा नहीं है. ये जबरदस्ती की भाषा है. कोई इस युवक को बताए कि एकतरफा दंडात्मक प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है.'
इसके साथ-साथ जंग में रूस का खुलकर विरोध कर रहे देश यूके की विदेश मंत्री लिज ट्रस (Liz Truss) भी भारत में हैं. विदेश मंत्री जयशंकर से उनकी मुलाकात भी हुई थी. भारत आकर लिज ने यूक्रेन हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस वक्त हम बेहद असुरक्षित दुनिया में जी रहे हैं. उन्होंने कहा कि सबको मिलकर पुतिन को चैलेंज करना चाहिए और यूरोप में उनकी दखल को रोकना चाहिए.