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जिनकी वजह से हुई यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वतन वापसी....पीएम मोदी कर रहे उनसे बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन अधिकारियों से खास बातचीत कर रहे हैं जिन्होंने यूक्रेन संकट के दौरान भारतीयों को निकालने में बड़ी भूमिका निभाई. उन चार मंत्रियों से भी बात हो रही है जिनकी अगुवाई में इस मिशन को पूरा किया गया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मिशन गंगा के तहत हजारों भारतीयों की वतन वापसी
  • पीएम का विपक्ष पर तंज, राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश

यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीयों का सफल रेस्क्यू हुआ है. मिशन गंगा ने इसमें एक सक्रिय भूमिका निभाई. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूतावास के उन अधिकारियों से खास बातचीत कर रहे हैं जिन्होंने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने में अपना बड़ा योगदान दिया. उन चार मंत्रियों से भी बात हो रही है जिनकी अगुवाई में भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था.

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अब जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीके सिंह, हरदीप पुरी और किरण रिजिजू को यूक्रेन संकट के बीच फंसे भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भेजा गया था. इन चारों मंत्रियों ने ही वहां के दूतावास से संपर्क साधा, अधिकारियों से लगातार बात की थी और फिर हजारों छात्रों की सफल वतन वापसी हुई थी. ऐसे में पीएम मोदी सभी से विस्तृत बातचीत कर रहे हैं. 

मिशन गंगा की सफलता से पीएम खुश

मिशन गंगा की बात करें तो इसमें भारतीय वायुसेना ने एक बड़ी भूमिका निभाई है. C-17 ग्लोब मास्टर के जरिए यूक्रेन में फंसे कई भारतीयों का सफल रेस्क्यू किया गया था. एक दिन में तीन से चार विमान संचालित हो रहे थे और देखते ही देखते हजारों भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया गया. वैसे बीजेपी संसदीय दल की बैठक में भी पीएम मोदी द्वारा यूक्रेन में फंसे भारतीयों का मुद्दा उठाया गया था. उन्होंने वहां पर कहा था कि कुछ विपक्षी दलों ने इस संवेदनशील मुद्दे को भी राजनीति का विषय बनाया, इससे लाभ लेने की कोशिश की गई.

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रूस-यूक्रेन युद्ध का लेटेस्ट अपडेट

अब यहां ये जानना जरूरी है कि यूक्रेन में फंसे ज्यादातर भारतीयों की वतन वापसी जरूर हो गई है, लेकिन उस देश में रूसी सेना की कार्रवाई की वजह से स्थिति बद से बदतर की ओर जाती दिख रही है. पिछले 20 दिन से लगातार रूस और यूक्रेन में युद्ध जारी है. यूक्रेन ने मजबूती से अपने देश की रक्षा जरूर की है, लेकिन रूस के हमलों ने कई मौकों पर यूक्रेन को भारी नुकसान दिया है. अब रूस, राजधानी कीव की ओर अग्रसर है और वहां पर उसकी तरफ से बमबारी शुरू कर दी गई है.

कब्जा तो नहीं कर पाया है, लेकिन जमीन पर यूक्रेन को चारों तरफ से घेरने की पूरी तैयारी है. राष्ट्रपति जेलेंस्की भी कह चुके हैं कि अगर रूस को कीव पर कब्जा करना होगा तो उसे इसके लिए इस राजधानी को पूरा बर्बाद करना पड़ेगा. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि यूक्रेन किसी भी कीमत पर सरेंडर नहीं करने वाला है.

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