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रूसी हैकर्स का स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर साइबर अटैक! जंग के बाद लगे प्रतिबंध को बताया हमले की वजह

अमेरिका, जापान और ब्रिटेन में रूसी हैकर्स के साइबर अटैक की घटनाएं तो सामने आती रहती हैं, लेकिन अब भारत की सरकारी वेबसाइट पर भी रूसी साइबर हमले का केस सामने आया है. रूस के हैकिंग ग्रुप फीनिक्स ने भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट को निशाना बनाया है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट को हैक करने की कोशिश की गई है. दावा किया जा रहा है कि यह प्रयास रूसी हैकर्स के एक ग्रुप ने किया है. हैकिंग के प्रयास की इस घटना पर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आने वाली भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) को जांच करने का आदेश दिया है.

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स्वास्थ्य मंत्रालय इसे हैकिंग का प्रयास बता रहा है. लेकिन डार्क वेब को लेकर बड़े-बड़े खुलासे करने वाली संस्था CloudSEK ने इस हमले को लेकर बड़ा दावा किया है. CloudSEK के विशेषज्ञों के मुताबिक रूसी हैकर्स के जिस ग्रुप ने साइबर अटैक को अंजाम दिया है, उसका नाम फीनिक्स है. संस्था ने यह भी दावा किया है कि हैकर वेबसाइट को टारगेट करने में सफल हुए हैं. हैकर्स के पास अब भारत के सभी अस्पतालों, कर्मचारियों और डॉक्टर्स का डेटा मौजूद है.

मंत्रालय ने CERT-In से मांगी रिपोर्ट

घटना पर स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान भी सामने आया है. मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि उन्होंने CERT-In को कथित हैकिंग की जांच करने के लिए कहा है, संस्था जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. एजेंसी के मुताबिक CERT-In एक नोडल एजेंसी है, जो कंप्यूटर सुरक्षा से जुड़ी घटनाओं पर एक्शन लेती है. यह एजेंसी सरकारी विभागों के साथ-साथ प्राइवेट बॉडी को भी इससे बचने और जवाबी कार्रवाई करने की सलाह मुहैया कराती है.

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हमले के पीछे की वजह भी बताई

CloudSEK की रिपोर्ट के मुताबिक हैकर्स ने डार्क वेब पर हमले के कारणों का भी खुलासा किया है. हैकर्स ने कहा है कि उन्होंने रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद रूस पर G7 देशों द्वारा लगाए गए ऑयल (तेल) प्राइज कैप के कारण यह हमला किया है. उन्होंने भारत पर अटैक इसलिए किया क्योंकि भारतीय अधिकारियों ने इस प्रतिबंध का उल्लंघन न करने का फैसला किया था. इसके अलावा हैकर्स ने G20 देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को भी साइबर अटैक की वजह बताया है. 

अटैक के पहले पोल पर कराई वोटिंग

CloudSEK के मुताबिक इन फैसलों के बाद रूसी हैकर्स के ग्रुप फीनिक्स ने टेलीग्राम चैनल पर कई पोल करवाए. इसमें उन्होंने अपने फॉलोअर्स से वोटिंग करने की अपील की. संस्था के मुताबिक हैकर्स का यह ग्रुप 2022 से डार्क वेब पर एक्टिव है. इस ग्रुप का अस्पतालों पर साइबर अटैक करने का इतिहास रहा है. यह ज्यादातर जापान, ब्रिटेन और अमेरिका में स्थित हेल्थकेयर संस्थाओं को निशाना बनाते हैं. फीनिक्स ग्रुप अमेरिकी मिलिट्री और स्पेन के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर भी अटैक कर चुका है.

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