चेन्नई में मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ के पास से ही एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे AIADMK के नेताओं में गुस्सा है. जानकारी के मुताबिक किसी ने AIADMK के संस्थापक एमजी रामचंद्रन की मूर्ति पर भगवा शॉल डाल दी है. एमजी रामचंद्रन को एमजीआर के नाम से जाना जाता है.
इस मूर्ति का उद्घाटन साल 2001 में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता ने किया था और 2019 में जयललिता की ही मौत हो गई. उनकी मौत के बाद, जयललिता की प्रतिमा को भी एमजीआर के बगल में रखा गया था.
उनके समर्थक दोनों मूर्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों ने इस मामले में शिकायत दर्ज की है. इसी दौरान पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शॉल को उतरवाया. अब इस बात की जांच की जा रही है कि मूर्ति को शॉल किसने पहनाया. इलाके में लगे सीसीटीवी को खंगाला जा रहा है. इससे पहले भी पार्टी द्वारा तिरुवल्लुवर, अन्ना, पेरियार और अंबेडकर की मूर्तियों का भगवाकरण किया गया है.
पहले आया था मूर्ति को तोड़ने का मामला
इससे पहले तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले के थिट्टाकुडी के पास एक गांव में AIADMK फाउंडर एमजीआर की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला भी सामने आया था. तमिलनाडु में ऐसे कुछ मामले पहले भी सामने आ चुके हैं. थिट्टाकुडी के पास एक गांव में एमजीआर की प्रतिमा का एक हाथ टूटा हुआ देखा गया था. पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसे अपमान बताया था. इस मामले में जांच की गई. हालांकि जिस क्षेत्र में यह मूर्ति लगी थी वहां कोई सीसीटीवी नहीं था.