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'क्या देश में नंदिनी नगर के अलावा कोई जगह नहीं', UP के गोंडा में कुश्ती जूनियर चैंपियनशिप कराने पर साक्षी मलिक ने उठाए सवाल

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली साक्षी मलिक ने अब उत्तर प्रदेश के गोंडा में कुश्ती की जूनियर नेशनल चैंपियनशिप कराने पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सवाल पूछा है कि क्या देश में नंदिनी नगर (गोंडा) के अलावा और कोई जगह नहीं है, जहां पर चैंपियनशिप कराई जा सके.

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Sakshi malik (File Photo)
Sakshi malik (File Photo)

रेसलिंग छोड़ने का ऐलान कर चुकीं रेसलर साक्षी मलिक ने अब उत्तर प्रदेश के गोंडा में कुश्ती की जूनियर नेशनल चैंपियनशिप कराने पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा,'मैंने कुश्ती छोड़ दी है पर कल रात से परेशान हूं, वे जूनियर महिला पहलवान क्या करें जो मुझे फोन करके बता रही हैं कि दीदी इस 28 तारीख से जूनियर नेशनल होने हैं और वो नयी कुश्ती फेडरेशन ने नन्दनी नगर गोंडा में करवाने का फैसला लिया है.'

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साक्षी मलिक ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा,'गोंडा बृजभूषण का इलाका है. अब आप सोचिए कि जूनियर महिला पहलवान किस माहौल में कुश्ती लड़ने वहां जाएंगी. क्या इस देश में नंदनी नगर के अलावा कहीं पर भी नेशनल करवाने की जगह नहीं है? समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं.'

बजरंग पूनिया ने रीट्वीट की साक्षी की पोस्ट

साक्षी के ट्वीट को हाल ही में अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने वाले रेसलर बजरंग पूनिया ने भी रीट्वीट किया. उन्होंने कहा,'खेल का मैनेजमेंट करने वाली कुश्ती फेडरेशन ने 24 घंटे के अंदर ही यह दिखा दिया है कि उन्होंने किसलिए फेडरेशन पर दबदबा बनाया है.'

'बृजभूषण के बिजनेस पार्टनर हैं संजय'

बता दें कि कुछ महीनों पहले कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले रेसलर्स एक बार फिर एक्टिव हो चुके हैं. इस बार पहलवान बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह बबलू के अध्यक्ष बनने का विरोध कर रहे हैं. पहलवानों का कहना है कि जब बृजभूषण के करीबी को ही नया अध्यक्ष चुन लिया गया है तो उनकी शिकायतों का कोई मतलब ही नहीं है. पहलवानों का आरोप है कि संजय सिंह पुराने अध्यक्ष बृजभूषण का बिजनेस पार्टनर है.

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रेसलर बजरंग पूनिया ने लौटाया पद्मश्री

दरअसल, संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद रेसलर साक्षी मलिक ने संन्यास लेने का ऐलान किया और इसके बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने 2019 में मिला पद्मश्री सम्मान प्रधानमंत्री के घर के पास बाहर रख दिया. साक्षी मलिक ने एक दिन पहले ही कहा था कि हमारी (पहलवानों) लड़ाई बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ थी. हम चाहते थे कि उसका कब्जा फेडरेशन से हट जाए. सरकार से हमारी बात हुई थी कि फेडरेशन में कोई महिला अध्यक्ष हो, ताकि शोषण की शिकायतें ना आएं. सरकार ने हमारी इस मांग को स्वीकार भी किया था, लेकिन अब रिजल्ट कुछ और ही आया है, जो सबके सामने है. बृजभूषण का राइट हैंड और उसका बिजनेस पार्टनर ही फेडरेशन का अध्यक्ष बन गया है.'

PM को चिट्ठी लिखकर जताया था दुख

इससे पहले बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम चिट्ठी भी लिखी थी. इसमें उन्होंने लिखा था कि 21 दिसंबर को हुए कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण एक बार दोबारा काबिज हो गया है. उसने स्टेटमेंट दिया कि 'दबदबा है और दबदबा रहेगा'. महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोपी सरेआम दोबारा कुश्ती का प्रबंधन करने वाली इकाई पर अपना दबदबा होने का दावा कर रहा था. हम सभी की रात रोते हुए निकली. समझ नहीं आ रहा था कि कहां जाएं, क्या करें और कैसे जीएं.

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'असम्मानित पहलवान बजरंग पूनिया'

बजरंग पूनिया ने चिट्ठी में आगे लिखा था,'इतना मान-सम्मान दिया सरकार ने, लोगों ने, क्या इसी सम्मान के बोझ तले दबकर घुटता रहूं. कारण सिर्फ एक ही है जिस कुश्ती के लिए ये सम्मान मिले, उसमें हमारी साथी महिला पहलवानों को अपनी सुरक्षा के लिए कुश्ती तक छोड़नी पड़ रही है. हम 'सम्मानित पहलवान' कुछ नहीं कर सके. महिला पहलवानों को अपमानित किए जाने के बाद मैं 'सम्मानित' बनकर अपनी जिंदगी नहीं जी पाऊंगा. ऐसी जिंदगी कचोटेगी ताउम्र मुझे. इसलिए ये 'सम्मान' मैं आपको लौटा रहा हूं... आपका असम्मानित पहलवान बजरंग पूनिया.'

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