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कर्नाटक के मंदिरों में होने वाली सलाम आरती का बदला जाएगा नाम, सरकार जल्द जारी करेगी नोटिफिकेशन

टीपू सुल्तान के आत्मसमर्पण के बाद कर्नाटक के मंदिरों में सलाम आरती नाम की प्रथा शुरू हुई थी. पिछले कई महीनों से इस नाम को बदलने की मांग की जा रही है. कहा जा रहा है कि सलाम फारसी शब्द है, इसलिए इसे हटाना चाहिए. अब सरकार जल्द ही इस नाम को बदलने को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर सकती है.

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सलाम को फारसी शब्द बताकर इसे हटाने की मांग की जा रही (फाइल फोटो)
सलाम को फारसी शब्द बताकर इसे हटाने की मांग की जा रही (फाइल फोटो)

कर्नाटक सरकार के मंदिरों में होने वाली सलाम मंगलआरती का नाम बदलने पर विचार कर रही है. जानकारी के मुताबिक वह अब इसे देवतीगे आरती नाम दे सकती है. यह बदलाव कोल्लूर के मंदिर में देखने को मिलेगा. ऐसी किंवदंती है कि टीपू सुल्तान ने देवी के सामने अपने हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिए था और उन्हें सलाम किया था. तभी से सलाम आरती की प्रथा शुरू हो गई. अब दक्षिणपंथियों ने नाम बदलने की मांग की है. सूचना है कि सरकार दो दिन में इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर सकती है.

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चेलुवनारायण स्वामी मंदिर प्रशासन ने भी की थी मांग

कर्नाटक के मुजराई विभाग को इस साल मई महीने में मंड्या जिले के प्रसिद्ध चेलुवनारायण स्वामी मंदिर प्रशासन ने एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें बताया गया था कि यहां हर शाम को होने वाले अनुष्ठान का देवतीगे सलाम है. प्रशासन ने इसका नाम बदलकर संध्या आरती रखने की मांग की थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर प्रशासन ने प्रस्ताव में कहा कि सलाम फारसी शब्द है इसलिए मांड्या जिला धार्मिक परिषद ने जिला प्रशासन से इस शब्द को हटाकर उसकी जगह संध्या आरती रखा जाए. धार्मिक परिषद की मांग पर जिला प्रशासन ने उनका प्रस्ताव मुजराई विभाग भेज दिया था.

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