यूपी का संभल इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. खग्गू सराय इलाके में स्थित प्राचीन कार्तिकेय महादेव मंदिर के 46 साल बाद कपाट खुले तो शनिवार को मंदिर पर 46 साल बाद भंडारे का आयोजन भी किया गया. मंदिर पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन के साथ ही भंडारे का प्रसाद भी ग्रहण किया. भंडारे का आयोजन करने वाले लोगों का कहना था कि मंदिर के कपाट खुलने की खुशी में आज 46 साल बाद पहले भंडारे का आयोजन किया गया है.
14 दिसंबर को खुला था ताला
संभल में 14 दिसंबर को मोहल्ला खग्गू सराय में मुस्लिम आबादी के बीचों बीच प्राचीन कर्तिकेय महादेव मंदिर का डीएम-एसपी ने ताला खुलवाया था. तब से संभल समेत आसपास के इलाकों से भी बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है.
भंडारे का हुआ आयोजन
1978 में हुए दंगे के बाद से ये मंदिर बंद था. करीब 46 साल बाद इसके कपाट खुले हैं. श्रद्धालुओं ने शनिवार को उत्साहित होकर 46 साल बाद भंडारे का आयोजन किया. इस दौरान प्रसाद के रूप में सब्जी,पूड़ी और हलवे का प्रसाद तैयार किया गया. जिसके बाद पहले मंदिर में भगवान को भोग लगाया गया.
कल्कि मंदिर में हुई जांच
वहीं, शनिवार को भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की टीम कल्कि मंदिर पहुंची थी. कल्कि मंदिर में सर्वे हुआ. इससे पहले संभल में ASI टीम ने पांच अलग- अलग लोकेशन का सर्वे किया था, जिसमें 19 कुएं और 5 तीर्थ शामिल थे.
उत्तर प्रदेश स्थित संभल में 14 दिसंबर को 46 साल पुराने मंदिर को खोले जाने के बाद जिलाधिकारी ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद 4 सदस्यीय एएसआई टीम निरीक्षण के लिए संभल पहुंची. ASI की टीम के आने से पहले मंदिर के पास के कुएं के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी गई. मंदिर में पूजा-पाठ के बीच ASI की टीम पहुंची.