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'सोनिया गांधी ने तीस्ता को 30 लाख दिए', गुजरात दंगा मामले में BJP ने कांग्रेस पर लगाए बड़े आरोप

सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ पर एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है. एसआईटी ने अपने हलफनामे में कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सलाहकार अहमद पटेल के जरिए तीस्ता को गोधरा कांड के बाद 30 लाख रुपये दिए गये थे. जिसके बाद बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. बीजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर कई निशाने साधे.

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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संबित पात्रा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संबित पात्रा.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पात्रा बोले- अहमद पटेल तो सिर्फ नाम है, इसके पीछे सोनिया गांधी थीं
  • कुछ लोग साजिश के तहत गलत तथ्य पेश कर रहे थे: पात्रा

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और तीस्ता सीतलवाड़ पर बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा कि गुजरात दंगों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीस्ता सीतलवाड़ को 30 लाख रुपए दिए. संबित ने कहा कि वाइन इन शूज, रिसॉर्ट... ये तीस्ता सीतलवाड़ की हकीकत है. दरअसल, तीस्ता सीतलवाड़ की ज़मानत याचिका में एसआईटी की एफिडेविट में बड़ा खुलासा हुआ है. आरोप है कि अहमद पटेल के कहने पर तीस्ता को गोधरा कांड के बाद 30 लाख रुपये मिले थे. इसी मामले पर संबित पात्रा ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनपर जमकर निशाना साधा. 

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एसआईटी के एफिडेविट को आधार बनाते हुए संबित पात्रा ने कहा कि हलफनामे से ये सच्चाई सामने आ गई है कि वो कौन लोग थे जो इन साजिशों के पीछे थे. संबित पात्रा ने कहा कि अहमद पटेल के इशारे पर, तीस्ता सीतलवाड़ और अन्य ने गुजरात सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची. उन्होंने कहा कि अहमद पटेल तो बस एक नाम है, जिसकी प्रेरक शक्ति उनकी बॉस सोनिया गांधी थीं. सोनिया गांधी ने अपने मुख्य राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के जरिए गुजरात की छवि खराब करने की कोशिश की. उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करने का प्रयास किया और वे इस पूरी साजिश के सूत्रधार थे.

कुछ लोग साजिश के तहत गलत तथ्य पेश कर रहे थे: पात्रा

संबित पात्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा था कि कुछ लोग षड्यन्त्र के तहत इस विषय को जीवित रखने का प्रयत्न कर रहे थे तथा गलत तथ्य प्रस्तुत कर रहे थे और अब इन लोगों पर भी कानून का शिकंजा कसे. गुजरात दंगे 2002 में जिस प्रकार नरेन्द्र मोदी को अपमानित करने की चेष्टा कांग्रेस ने षड्यन्त्र के तहत की थी, परत दर परत उसकी सच्चाई सामने आ रही है.

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पात्रा ने कहा कि इस संदर्भ में गठित एसआईटी ने एफिडेविट कोर्ट के सामने रखा है. ये एफिडेविट कहता है कि तिस्ता सीतलवाड़ और उसके सहयोगी मानवता के तहत काम नहीं कर रहे थे. ये राजनीतिक मंसूबे के साथ काम कर रहे थे. इनके 2 ऑब्जेक्टिव थे.
1- गुजरात की तब की सरकार को अस्थिर किया जाए.
2 - बेगुनाह लोगों को इसमें शामिल किया जाए. जिसमें नरेंद्र मोदी का भी नाम शामिल है.

पात्रा बोले- अहमद पटेल तो सिर्फ नाम है, इसके पीछे सोनिया गांधी थीं

पात्रा ने कहा कि आज एफिडेविट में ये सामने आया है कि षड्यंत्र के रचयिता सोनिया गांधी के पूर्व मुख्य राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल थे. अहमद पटेल तो सिर्फ नाम है, इस सबके पीछे मुख्य रूप से सोनिया गांधी का नाम है. सोनिया गांधी ने गुजरात की छवि और नरेंद्र मोदी को अपमानित करने का षड्यंत्र रचा था. 

भाजपा नेता ने कहा कि मीडिया में आए एफिडेविट के अनुसार इस काम के लिए पैसे दिए गए, पहले क़िस्त के रूप में 30 लाख रुपये सोनिया गांधी ने तिस्ता सीतलवाड़ को दिए. अहमद पटेल हमारे बीच नहीं है, लेकिन उन्होंने तो केवल वो डिलीवरी की थी. ये 30 लाख उस जमाने में मात्र पहली किस्त के रूप में दिए गए थे. उन्होंने कहा कि इसके बाद न जाने कितने करोडों रुपये  सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी को अपमानित और बदनाम करने के लिए और केवल राहुल गांधी को प्रोमोट करने के लिए तिस्ता सीतलवाड़ का इस्तेमाल सोनिया गांधी ने किया.

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अहमद पटेल पर लगाए गए आरोपों का जयराम रमेश ने किया खंडन

कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने कहा है कि अहमद पटेल पर भाजपा की ओर से लगाए गए आरोपों का कांग्रेस स्‍पष्‍ट रूप से खंडन करती है. उन्होंने कहा कि गुजरात में 2002 में हुए दंगों की जिम्मेदारी से खुद को मुक्त करने की प्रधानमंत्री की रणनीति का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि गुजरात दंगे को नियंत्रित करने में नरेंद्र मोदी सक्षम नहीं थे और उनकी इच्छा भी नहीं थी कि दंगे रोके जाएं. 

जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी उन राजनीतिक विरोधियों को भी नहीं बख्श रहे हैं जो दिगवंत हो चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईटी अपने सियासी आका की धुन पर नाच रही है. वे जहां कहेंगे, एसआईटी की टीम बैठ जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि हम सभी जानते हैं कि कैसे एक एसआईटी के पूर्व प्रमुख को मुख्यमंत्री को 'क्लीन चिट' देने के बाद एक राजनयिक कार्य के साथ पुरस्कृत किया गया था.

तीस्ता के करीबी रईस खान ने किया था ये दावा

बता दें कि तीस्ता सीतलवाड़ के करीबी रहे रईस खान ने पिछले दिनों दावा किया था कि गिरफ्तारी तो पहले हो जानी चाहिए थी, जब हमने उनके खिलाफ शिकायत की थी. उन्होंने कहा था कि तीस्ता जैसे लोग जो विक्टिम के नाम पर पैसा लाते हैं, खा जाते हैं और अपने आपको सोशल एक्टिविस्ट कहते हैं, विटक्टिम के साथ जो विश्वास घात हुआ उसके लिए विक्टिम उसको माफ नहीं करेंगे. रईस ने कहा था कि कि तीस्ता ने विक्टिम के साथ धोखा किया है. ऐसे लोगों को माफ नहीं किया जाना चाहिए. तीस्ता ने देश और विदेश से फंड जमा किया और उसका एक परसेंट भी हिस्सा विक्टिम को नहीं दिया.

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