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Delhi: रामलीला मैदान में आज किसान महापंचायत, 2000 जवान तैनात, जानें दिल्ली पुलिस की ट्रैफिक एडवाइजरी

दिल्ली में आज एक बार फिर से किसानों की भीड़ जुटने वाली है. देशभर के किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं. इस बीच प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई है. इसे लेकर दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है.

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रामलीला मैदान में तैनात सुरक्षाकर्मी
रामलीला मैदान में तैनात सुरक्षाकर्मी

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर तले 3 साल बाद दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान फिर जुट रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा को मिली पुलिस अनुमति के अनुसार,  आज सुबह 10 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक हजारों किसान रामलीला मैदान में महापंचायत करेंगे. दिल्ली पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं. 2 हजार पुलिस के जवान रामलीला मैदान में तैनात किए हैं तांकि प्रदर्शन के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी ना हो. 

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2 हजार जवान तैनात

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को बताया, 'हमने किसान महापंचायत के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. हम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. 2 हजार जवानों की तैनाती की गई है ताकि कानून-व्यवस्था खराब ना हो. भीड़ के प्रबंधन के लिए यह तैनाती की गई है, ताकि कोई भी असमाजिक तत्व भीड़ में घुसकर माहौल खराब ना कर सके.'

इन रास्तों पर जाने से बचें लोग

दिल्ली पुलिस द्वारा जारी ट्रैफिक एडवाइजरी के मुताबिक, करीब 15 से 20 हजार लोग महापंचायत में शिरकत कर सकते हैं. रविवार रात से ही लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है. यातायात पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आम लोगों और वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि वे रामलीला मैदान के आसपास की सड़कों, खासतौर पर जेएलएन मार्ग से दिल्ली गेट से अजमेरी गेट चौक तक जाने से बचें.

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इन रास्तों पर डायवर्ट रहेगा रूट-

1. महाराजा रणजीत सिंह मार्ग, मिर्दार्ड चौक 

2. मिंटो रोड आर/एल 

3. अजमरी गेट

4. चमन लाल मर्ड 

5. दिल्ली गेट, जेएलएन मार्ग

6. आर/ए कमला मार्केट से हमदर्द चौक 

7. भावभूति मार्ग

किसानों की मांग

1- संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि वह किसान महापंचायत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से किसान दिल्ली पहुंचे हैं. किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल ने  एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'केंद्र को 9 दिसंबर, 2021 को हमें लिखित में दिए गए आश्वासनों को पूरा करना चाहिए और किसानों के सामने लगातार बढ़ते संकट को कम करने के लिए प्रभावी कदम भी उठाने चाहिए.'

2- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सभी फसलों पर सी2+50 प्रतिशत के फार्मूला के आधार पर एमएसपी पर खरीद की गारंटी के लिए कानून लाया और लागू किया जाए. SKM का कहना है कि कृषि में बढ़ती लागत और फसल के लिए लाभकारी मूल्य न मिलने के कारण 80% से अधिक किसान कर्ज में डूब चुके हैं और आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं. ऐसी स्थिति में, संयुक्त किसान मोर्चा सभी किसानों के लिए कर्ज मुक्ति और उर्वरकों सहित लागत कीमतों में कमी की मांग करता है

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3- किसान मोर्चा ने तब केंद्र द्वारा निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक लंबे आंदोलन किया था.आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित किसानों की लंबित मांगों पर विचार करने के सरकारी आश्वासन के बाद दिसंबर 2021 में इसने आंदोलन को स्थगित कर दिया था. इसने केंद्र से एमएसपी पर समिति को यह कहते हुए भंग करने का भी आग्रह किया है कि यह उनकी मांगों के विपरीत है.

4- SKM ने बैठक में कहा कि संयुक्त संसदीय समिति को विचारार्थ भेजे गए बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लिया जाए. केंद्र सरकार ने एसकेएम को लिखित आश्वासन दिया था कि मोर्चा के साथ विमर्श के बाद ही विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा. लेकिन इसके बावजूद सरकार ने इसे बिना किसी चर्चा के संसद में पेश कर दिया. संयुक्त किसान मोर्चा कृषि के लिए मुफ्त बिजली और ग्रामीण परिवारों के लिए 300 यूनिट बिजली की मांग को फिर दोहराता है. 


 

  • क्या किसानों को फसलों पर एमएसपी गारंटी मिलनी चाहिए?

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