पश्चिम बंगाल में बीते कई दिनों से हिंसा जारी है. वहीं, अब पुलिस ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में धारा 144 लगा दी है. वहीं सीपीआईएम के पूर्व विधायक निरापद सरदार को गिरफ्तार किया गया है. उन्हें दंगा करने, आग लगाकर उपद्रव करने और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने जैसे आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है. रविवार सुबह उन्हें बांसद्रोनी पुलिस ने हिरासत में लिया था. दोपहर में उनकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें संदेशखाली पुलिस स्टेशन ले जाया गया. इसके बाद वाम समर्थकों ने पुलिस थाने पर विरोध प्रदर्शन किया और रिहाई की मांग की.
निरापद सरदार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, मुझे अभी तक यह मालूम नहीं चला है कि पुलिस ने मुझे गिरफ्तार किया है या नहीं. पुलिस द्वारा मुझे इस तरह तलब करना तानाशाही के समान है. उन्होंने यह भी दावा किया कि वह 4 से 9 फरवरी के बीच स्टेशन से बाहर थे, जब संदेशखाली में तनाव फैल गया और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. उन पर टीएमसी नेताओं के खिलाफ लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया है, जिसके कारण कुछ दिन पहले संदेशखली में कानून व्यवस्था बिगड़ गई थी.
सरदार ने कहा, 'मैं 4 से 9 फरवरी तक बाहर था. 4 तारीख को मैं मणिपुर में था और 5 तारीख को मैं मिदनापुर गया. 6 तारीख को मैं जोगेश गंग में था. 7 तारीख को राज्य कमेटी की बैठक थी, इसके बावजूद मैं 8 फरवरी को बीरभूम गया. मैं 9 तारीख को लौटा, इसी बीच संदेशखाली की घटना घटी. इसके बावजूद 111 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और मैं उनमें पहला आरोपी हूं. संदेशखाली के लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे.' वामपंथी नेताओं ने पुलिस पर उन्हें हिरासत में लेने का कारण नहीं बताने का भी आरोप लगाया.