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रक्षा सौदे में रिश्वतखोरी का आरोप, बीजेपी ने बिचौलिए संजय भंडारी से जोड़े रॉबर्ट वाड्रा के तार

बीजेपी ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है . 2011में हुई एक रक्षा सौदे में रिश्वत लेने की बात कही गई है. बीजेपी के निशाने पर बिचौलिया संजय भंडारी है. पार्टी उसे रॉबर्ट वाड्रा का करीबी मानती है.

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रॉबर्ट वॉड्रा
रॉबर्ट वॉड्रा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2011 की रक्षा सौदे वाली डील में भ्रष्टाचार का आरोप
  • बीजेपी का दावा- भंडारी को दी गई थी रिश्वत
  • संजय भंडारी ने यूके में मांगी रोजनीतिक शरण

चुनावी मौसम में एक और भ्रष्टाचार का मुद्दा सामने आ गया है. ये मामला 11 साल पुराना है जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी और फाइटर एयरक्रॉफ्ट को अपग्रेड करने की पहल हुई थी. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि उस डील में रिश्वत ली गई है. बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है.

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इस पूरे कांड में हथियार बिचौलिए संजय भंडारी का नाम सामने आया है जिसने लंदन में एक मुकदमा दर्ज किया है. बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया का दावा है कि भंडारी ने थेल्स कंपनी पर आरोप लगाया है कि अभी तक उसे उसका पूरा कमीशन नहीं मिला है. डील 170 करोड़ की हुई थी लेकिन उसे सिर्फ 75 करोड़ ही मिले हैं. थेल्स वही कंपनी है जो लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने का काम करती है.

क्या है ये पूरा विवाद?

बीजेपी ने आरोप लगाया है कि जब 2011 में ये डील की गई थी तब उसमें थेल्स कंपनी को भी शामिल किया गया था. अब गौरव भाटिया ने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर ये गंभीर आरोप लगाया है, इसके अलावा उन्होंने प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को भी निशाने पर ले लिया है. दावा किया गया है कि संजय भंडारी, रॉबर्ट वाड्रा का एक करीबी है. इसी वजह से बीजेपी नेता गौरव भाटिया, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी से जवाब मांग रहे हैं. 

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वे कहते हैं कि जब केंद्र में मोदी सरकार आई, तब जाकर संजय भंडारी का प्रत्यर्पण शुरू करवाया गया था. हमारी सरकार में सभी रक्षा सौदे पूरी पारदर्शिता के साथ किए जाते हैं. ये सरकार टू सरकार वाली डील रहती हैं. लेकिन कांग्रेस ने अपने समय में सिर्फ कमीशनखोरी की है. गौरव भाटिया ने यहां तक कह दिया है कि कांग्रेस के समय में जवान बुलेट प्रूफ जैकेट के लिए तरस जाते थे, लेकिन तब की सरकार वीवीआईपी चॉपर खरीदने में व्यस्त रहती थी.

भंडारी ने मांगी राजनीतिक शरण?

अब जानकारी के लिए बता दें कि ये सारा विवाद टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ है. उस रिपोर्ट में कहा गया है कि संजय भंडारी ने थेल्स कंपनी के खिलाफ केस दर्ज करवाया है. उसका आरोप है कि उसे कंपनी से अभी तक अपने 92 करोड़ रुपये नहीं मिले हैं. उस रिपोर्ट में भारत में मिराज फाइटर एयरक्राफ्ट्स में हुए अपग्रेडेशन का भी जिक्र किया गया है. इसी वजह से बीजेपी इस रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस और सोनिया गांधी के दामाद पर ये गंभीर आरोप लगा रही है.

वैसे जिस टेलीग्राफ ने ये दावा किया है, उसकी तरफ से एक और जानकारी दी गई है. कहा गया है कि संजय भंडारी शायद यूके में राजनीतिक शरण ले सकता है. उसने अपने आवेदन में कहा है कि उसकी तरफ से यूपीए सरकार के दौरान रक्षा सौदों में मदद करवाई गई थी. लेकिन अब जब बीजेपी की सरकार है, तब उसे निशाने पर लिया जा रहा है, ऐसे में राजनीतिक शरण की अपील की गई है. 
 

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