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संयुक्त किसान मोर्चा ने 20 मार्च को बुलाई महापंचायत, केंद्र को घेरने की तैयारी

संयुक्त किसान मोर्चा सेंट्रल कोआर्डीनेशन कमिटी के सदस्य डॉ. आशीष मित्तल  ने कहा कि 'भारतीय खेती को कॉर्पोरेट व विदेशी गिद्धों से बचाने और लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधारने की दिशा में किसानों की आय सुनिश्चित करने की मांग उठ रही है.'

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

संयुक्त किसान मोर्चा, एसकेएम के बैनर तले 3 साल बाद दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान फिर जुट रहे हैं.संयुक्त किसान मोर्चा को मिली पुलिस अनुमति के अनुसार, 20 मार्च को सुबह 10 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक हजारों किसान रामलीला मैदान में महापंचायत करेंगे.यानी किसान 18 से ही दिल्ली की सीमा में घुसना शुरू कर देंगे.11 राज्यों से एआईकेएमएस (आल इंडिया किसान मजदूर सभा) के कई हजार सदस्य रामलीला मैदान कूच करेंगे.

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संयुक्त किसान मोर्चा सेंट्रल कोआर्डीनेशन कमिटी के सदस्य डॉ. आशीष मित्तल  ने कहा कि 'भारतीय खेती को कॉर्पोरेट व विदेशी गिद्धों से बचाने और लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधारने की दिशा में किसानों की आय सुनिश्चित करने की मांग उठ रही है.'

आशीष का आरोप है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने उत्पादन की कुल लागत, यानी सी-2 व उस पर 50 फीसदी पर, न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी लागू करने का लिखित आश्वासन दिया था. लेकिन सरकार ने एक समिति बनाई जिसमें 26 सदस्य ऐसे थे जो कॉर्पोरेट के पक्ष में थे और इस मांग का खुलकर विरोध कर रहे थे.तब से उनकी सरकार ने फॉस्फेटिक उर्वरकों की कीमतों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की है और खाद्य सब्सिडी और मनरेगा बजट में भी भारी कटौती की है.

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आरोप है कि दिखावटी परदे के पीछे से विश्व व्यापार संगठन के फरमान के तहत फसलो की रूपरेखा, खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण और विपणन में कॉर्पोरेट घरानों की कब्जेदारी बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि बड़े कॉर्पोरेट घरानों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए भारतीय किसानों के हितों का सौदा ना हो इसके लिए एसकेएम इन नीतियों का विरोध करेगी.

किसानों की मांगें-
 
 -  ऋण माफ करे सरकार
 - कृषि में कॉर्पोरेट व विदेशी कम्पनियों पर रोक  लगे 
 - कृषि प्रोसेसिंग में विदेशी कम्पनियों पर लगे रोक.
 - खाद्य आपूर्ति में विदेशी कम्पनियों पर लगे रोक.
- पम्पिंग सेट के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिले.
 - किसानों को 5000 रुपये प्रति माह पेंशन मिले.
 -सरकार आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस ले .
 - कृषि भूमि में विदेशी निवेश पर रोक लगे.

 

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