किसान एक बार फिर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने वाले हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) 13 मार्च को पंजाब में जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगा. SKM जिला मुख्यालयों पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी करेगी और पुतला फूंकेगी. भारतीय किसान मंच के नेताओं का आरोप है कि केंद्र सरकार उन किसान नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, जिनके घरों पर छापेमारी की जा रही है.
सीबीआई ने 21 फरवरी को अपनी राज्यव्यापी छापेमारी में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष अजमेर सिंह लाखोवाल के कई परिसरों की तलाशी ली थी. सीबीआई ने जिन संपत्तियों पर छापेमारी की गई, उनमें समाला का एक पेट्रोल पंप, उनके बेटे हरिंदर सिंह लखोवाल का मोहाली स्थित घर और पटियाला में रहने वाले भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष सतनाम सिंह बेहरू से जुड़ी संपत्तियां शामिल हैं.
दिल्ली में होगा एक दिवसीय धरना
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा 20 मार्च को दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना देगा. इसमें 32 किसान संगठन शामिल हो सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भले ही दिल्ली में एक दिवसीय आंदोलना का एलान किया गया हो लेकिन किसानों से पक्के धरने की तैयारी के साथ दिल्ली आने के लिए कहा गया है. किसान संघ का कहना है कि सरकार ने अगर मांग पूरी नहीं की तो यह धरना स्थायी रूप से भी शुरू किया जा सकता है.
9 मार्च को कुरुक्षेत्र में हुआ था ऐलान
कुरुक्षेत्र में 9 मार्च को किसान पंचायत आयोजित हुई थी. इसमें पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान नेता शामिल हुए थे. पंचायत में किसान संघ ने ऐलान किया था कि 20 मार्च को नई दिल्ली में किसान महापंचायत होगी. SKM का कहना था कि केंद्र सरकार उनसे किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है.
इस दौरान किसान नेताओं ने कहा था कि किसान संघ लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का मुकाबला करने के लिए अपनी रणनीति भी बनाएगी. किसान नेता डॉ. सुनील ने कहा था कि SKM किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए 31 सदस्यीय समिति गठित करने के अलावा अपने संविधान का मसौदा भी तैयार करेगी.