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₹12 लाख का लोन देने के एवज में ₹38000 के देसी मुर्गे डकार गए बैंकवाले! SDM के पास जाकर पीड़ित, बोला- आत्मदाह कर लूंगा

आवेदनकर्ता ने अपनी मुर्गियां बेचकर 2 महीने के भीतर बैंक मैनेजर को कमीशन भी दे दिया. इसके बाद भी मैनेजर लोन देने के बहाने हर शनिवार को देशी मुर्गा मंगाने लगा. फरियादी ने एक दिन जब हिसाब लगाया तो पता चला कि मैनेजर 38 हजार 900 के मुर्गे खा गया.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां बैंक के अधिकारी-कर्मचारियों ने Loan (ऋण)  दिलाने के एवज में देशी मुर्गा पार्टी करना पसंद किया. लोन तो नहीं दिलाया अलबत्ता 38000 रुपए के मुर्गे जरूर डकार गए. मामले में अब शिकायत की गई है. पुलिस कार्रवाई में जुटी है.

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पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, जिले के सरगवां गांव निवासी रूपचंद मनहर पिता होरीलाल ने एसबीआई बैंक शाखा मस्तूरी के मैनेजर सुमन कुमार चौधरी को पोल्ट्री फॉर्म खोलने के लिए लोन का आवेदन दिया था.

आवेदनकर्ता रूपचंद ने बैंक से 12 लाख रुपये का लोन मांगा था. लेकिन बैंक मैनेजर ने लोन राशि देने के एवज में 10 प्रतिशत कमीशन मांग लिया. फरियादी ने अपनी मुर्गियां बेचकर 2 महीने के भीतर बैंक मैनेजर को कमिशन भी दे दिया. इसके बाद भी मैनेजर लोन देने के बहाने हर शनिवार को देसी मुर्गा मंगाने लगा. 

फरियादी ने एक दिन जब हिसाब लगाया तो पता चला कि मैनेजर 38 हजार 900 के मुर्गे खा चुका है. मुर्गों की कीमत मांगी तो मैनेजर राशि देने से मुकर गया और लोन भी नहीं दिया. 

भूख हड़ताल और आत्मदाह की चेतावनी 

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इस मामले में पीड़ित रूपचंद मनहर का कहना है, ''मैं अब भूख हड़ताल पर बैठूंगा. इसके बाद भी मैनेजर ने मुर्गों की राशि और लोन नहीं दिया तो कीटनाशक पीकर और पेट्रोल डालकर बैंक के सामने आत्मदाह कर लूंगा. जिसकी जिम्मेदारी एसबीआई बैंक शाखा मस्तूरी प्रबंधक सुमन कुमार चौधरी की होगी.''

पीड़ित ने एसडीएम से निवेदन करते हुए कहा कि भूख हड़ताल पर जाने से पहले उक्त राशि और लोन दिलाया जाए. 

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