scorecardresearch
 

एक गलती से चले जाते 30 लाख, बैंक मैनेजर ने साइबर ठगी से बचा लिया

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के हैदराबाद के लोथुकुंटा शाखा के मैनेजर के हस्तक्षेप से एक वरिष्ठ नागरिक दंपत्ति धोखाधड़ी का शिकार होने से बच गया. अगर बैंक मैनेजर ने त्वरित कार्रवाई नहीं की होती तो दंपत्ति धोखाधड़ी का शिकार हो जाता.

Advertisement
X
 प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

हैदराबाद के भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की लोथुकुंटा शाखा के मैनेजर नवीन कुमार के हस्तक्षेप से एक वरिष्ठ नागरिक दंपत्ति के साथ होने वाली वित्तीय धोखाधड़ी टल गई. जिससे 30 लाख का फ्रॉड बच गया. जानकारी के मुताबिक दंपत्ति डॉक्टर और लोथुकुंटा में एक नर्सिंग होम के मालिक हैं. उन्हें साइबर अपराधियों ने दिल्ली कस्टम और क्राइम पुलिस अधिकारी बनकर निशाना बनाया. घटना दोपहर 12:20 बजे शुरू हुई जब 78 वर्षीय पति को एक धोखेबाज ने दिल्ली कस्टम अधिकारी होने का दावा करते हुए कॉल किया.

Advertisement

फर्जी मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर किया गया था कॉल

कॉल करने वाले ने कहा कि उनके नाम पर पासपोर्ट और एटीएम कार्ड वाला एक पार्सल मलेशिया से आया है. वहीं, जब उन्होंने पार्सल के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया तो कॉल को दिल्ली क्राइम पुलिस के फर्जी एसीपी सुनील कुमार को ट्रांसफर कर दिया गया.

जिसके बाद साइबर ठगों ने 88 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के बहाने बैंक डिटेल्स साझा करने को मजबूर किया. साथ ही साइबर शातिरों ने वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) खाते को बंद करने और उस खाते के 30 लाख रुपये सेविंग  अकाउंट में ट्रांसफर करने को कहा.

यह भी पढ़ें: डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाएं, Aaj Tak की विशेष रिपोर्ट

जिसके बाद दोपहर 2:30 बजे परेशान होकर बुजुर्ग अपना SCSS खाता बंद करवाने के लिए SBI शाखा में गए. हालांकि नवीन कुमार ने बुजुर्ग व्यक्ति से कई सवाल किए. शुरू में बुजुर्ग ने अपनी पत्नी से जुड़ी एक इमरजेंसी चिकित्सा का हवाला दिया. हालांकि, इस दौरान बार-बार साइबर शातिरों के कॉल आने से मैनेजर की चिंता बढ़ गई और उन्हें शक हो गया. 

Advertisement

बैंक मैनेजर की सूझबझ से बच गई धोखाधड़ी

जिसके बाद मैनेजर ने रीजनल कार्यालय से तुरंत संपर्क किया. साथ ही कार्यालय की मदद से अस्पताल में बुजुर्ग के पत्नी के भर्ती होने की जानकारी निकाली. जब जांच की गई तो पाया कि बुजुर्ग व्यक्ति की पत्नी अपोलो अस्पताल में भर्ती नहीं है. जिसके बाद नवीन कुमार ने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित किया. मौके पर पहुंचकर पुलिस ने जब जांच की तो पूरे मामले का खुलासा हो गया. 

बैंक मैनेजर की त्वरित कार्रवाई ने न केवल दंपत्ति की जीवन भर की बचत बचाई, बल्कि आगे होने वाले उत्पीड़न को भी रोका. वरिष्ठ नागरिक ने शाखा कर्मचारियों की सतर्कता और सहायता के लिए उनका हार्दिक आभार भी व्यक्त किया. 

इसके अलावा पुलिस ने नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध कॉल या लेनदेन की सूचना साइबर अपराध हेल्पलाइन (1930) या आधिकारिक पोर्टल www.cybercrime.gov.in के माध्यम से अधिकारियों को देने का आग्रह किया है.

Live TV

Advertisement
Advertisement