सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है. आजम खान को पिछले दिनों स्थानीय कोर्ट ने हेट स्पीच के मामले में 3 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
आजम खान ने अपनी विधायकी को अयोग्य ठहराने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस मामले में सोमवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी विधान सभा सचिव और निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर विधानसभा की सदस्यता रद्द किए जाने की वजह पूछी है. इस मामले में बुधवार को सुनवाई होगी.
हेट स्पीच मामले में हुई सजा
आजम खान ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कथित रूप से रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं. इसकी शिकायत भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने की थी. इसी मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट 27 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाते हुए आजम खान को दोषी करार दिया था और तीन साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद आजम खान की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
अखिलेश ने साधा बीजेपी पर निशाना
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार के निशाने पर आजम खान साहब हैं, जिन पर रोज फर्जी केस दर्ज किए जा रहे हैं. उन्हें हर तरह से परेशान किया जा रहा है. अखिलेश ने कहा कि मोहम्मद आजम खान साहब भाजपा सरकार की आंखों में इसलिए खटकते हैं क्योंकि वे साम्प्रदायिक ताकतों के धुर विरोधी हैं और लोकतंत्र तथा समाजवाद के लिए प्रतिबद्ध हैं. रचनात्मक कार्यों में उनकी विशेष रुचि है. वह संविधान और धर्मनिरपेक्षता के लिए निरन्तर संघर्ष करने वाले नेता रहे हैं.